मशहूर गायिका शार्लोट चर्च संगीत उद्योग की मौजूदा संस्कृति से बेहद ख़फ़ा हैं।
वह कहती हैं कि इसने न केवल महिलाओं की गरिमा को कम किया है बल्कि कलाकार खुद को सेक्स ऑब्जेक्ट बनाकर बिकने पर बाध्य किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब वह 19 या 20 साल की थीं तो पुरुष एक्ज़िक्यूटिव उन पर भी वीडियो के लिए छोटे कपड़े पहनने का दबाव डालते थे।
अब 27 साल की हो चुकी शार्लोट कहती हैं कि युवा महिला कलाकारों पर करियर को बनाए रखने के लिए लगातार उत्तेजक भाव-भंगिमाओं के प्रदर्शन का भी दबाव डाला जाता है।
उन्होंने ये टिप्पणी बीबीसी 6 म्यूज़िक के जॉन पील लेक्चर कार्यक्रम में की।
संगीत उद्योग पर तीखी टिप्पणी
संगीत उद्योग के मौजूदा हाल पर उनकी तीखी टिप्पणी तब आई है जबकि पॉप स्टार रिहाना और माइली साइरस की उत्तेजक अदाओं पर गरमा-गरम बहस चल रही है।
शार्लोट चर्च कहती हैं कि संगीत के कारोबार पर पुरुषों का वर्चस्व है, इसका दृष्टिकोण लिंग और सेक्शुअलिटी पर टिका है और उनमें युवा कलाकारों को सेक्स ऑब्जेक्ट के तौर पर दिखाने की चाहत बढ़ रही है।
स्टार का कहना है कि युवा गायकों को अत्यधिक सेक्सी, अवास्तविक, कार्टून की तरह दिखाया जा रहा है।
वह आगे कहती हैं, ”जब मैं 19 या 20 साल की थी तब मैंने भी ख़ुद को इसी स्थिति में पाया था, तब मुझ पर लगातार छोटे-छोटे कपड़े पहनने के लिए दबाव डाला जाता था।
उन्होंने कहा, ”अधेड़ उम्र के पुरुष मुझसे बार-बार कहते थे, तुम ग़ज़ब हो, तुम्हारे पास शानदार शरीर है, इसे क्यों नहीं दिखाती? या वो कहते–चिंता मत करो, ये शानदार दिखेगा, कलात्मक दिखेगा, इस सबको लेकर मैं बहुत असहज महसूस करती थी लेकिन एक्ज़िक्यूटिव मुझे बार-बार ये याद दिलाते थे।”
वह याद करती हैं कि किस तरह वह अपने वीडियो ‘कॉल माई नेम इन 2005’ में कम कपड़ों और घुटनों तक ऊंचे जूतों के साथ डांस में उन्हें बहुत खराब लग रहा था।
अब भी कसा जाता है ताना
वह ये भी कहती हैं, ”मैं इस दोष की जिम्मेदारी से ख़ुद भी नहीं बच सकतीं, तब मैंने किशोरवास्था को बस पार ही किया था। लेकिन उन प्रदर्शनों के लिए मुझ पर सोशल मीडिया में लगातार ताना कसा जाता है और अपशब्द कहे जाते हैं।”
इस अतीत के चलते उनके लिए बेहतर जगहों पर जाकर अपने संगीत का प्रचार करना मुश्किल हो गया है।
शार्लोट ने खासतौर पर माइली साइरस, रिहाना और रॉबिन थिक की आलोचना की।
पिछले महीने एमटीवी अवॉर्ड में माइली साइरस ने रॉबिन थिक के साथ मिलकर ऐसी भावभंगिमाओं और इशारों वाला डांस किया, जो कुछ लोगों के मुताबिक शालीनता की सीमाओं से काफी परे चला गया।
इसके बाद शीनाड ओ’कॉनर ने माइली साइरकस को एक खुला खत लिखकर आगाह किया कि वह संगीत कारोबार के ज़रिए खुद का शोषण नहीं होने दें।
शार्लोट ने वीडियो बेवसाइट्स पर भी आरोप लगाया कि वो युवा दर्शकों को ऐसे वीडियो से दूर रखने के लिए कुछ नहीं कर रही। उन्होंने एनी लेनॉक्स की इस बात का समर्थन किया कि पॉप वीडियो को भी फिल्मों की तरह उम्र के हिसाब से रेटिंग दी जानी चाहिए।
शार्लोट चर्च ने ये भी कहा कि रेडियो स्टेशनों को ऐसी छवि वाले कलाकारों के गाने न सुनाने के बारे में भी सोचना चाहिए।