
पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के अपने संबोधन में सरदार वल्लभ भाई पटेल की उपलब्धियों को याद किया। पीएम ने कहा कि वह 31 अक्टूबर को गुजरात में स्टैचू ऑफ लिबर्टी को देश को समर्पित करेंगे। यह स्टैचू दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति होगी। भारत के लिए यह गर्व करने वाला क्षण होगा। पीएम ने साथ ही पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को भी श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री ने अपनी मन की बात का समापन सभी देशवासियों को धनतेरस, दीपावली, भैय्या-दूज, छठ- इन सभी त्योहारों की शुभकामनाएं देते हुए किया और साथ ही अपने स्वास्थ्य और समाज के हितों का ध्यान रखने का आग्रह किया।
IT to Society, मैं नहीं हम, अहम् नहीं वयम्, स्व से समष्टि की यात्रा की इसमें महक है। कोई बच्चों और बुज़ुर्गों को पढ़ा रहा है, कोई स्वच्छता में लगा है, कोई किसानों की मदद कर रहा है, और ये सब करने के पीछे कोई लालसा नहीं है बल्कि इसमें समर्पण और संकल्प का निःस्वार्थ भाव है।
सामाजिक कार्य के लिए जिस प्रकार से लोग आगे आ रहे हैं, वह देशवासियों के लिए प्रेरणादायक हैं। ’सेवा परमो धर्मः’- ये भारत की विरासत है।’
प्रधानमंत्री ने एशियन पैरा गेम्स के पैरा एथलीट्स से मिलकर उन्हें बधाई दी .इन खेलों में भारत ने 72 पदक जीते और नया रिकॉर्ड बनाकर भारत का गौरव बढ़ाया। उन्होंने कहा कि उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और हर विपरीत परिस्थिति से लड़कर आगे बढ़ने का उनका जज्बा हम सभी देशवासियों को प्रेरित करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी देश के युवाओं के भीतर अगर ये सभी गुण हों तो वो देश न सिर्फ अर्थव्यवस्था, विज्ञान और तकनीक जैसे क्षेत्रों में तरक्की करेगा बल्कि खेलों में भी अपना परचम लहराएगा।