रोशनी और पटाखों के त्योहार दिवाली की खुशियां बरकरार तभी रहती हैं जब इसके साथ आपकी सेहत भी दुरुस्त हो। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के लिए लिए इस त्योहार के दौरान कुछ खास एहतियात जरूरी हैं।
जानिए दिवाली के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए एहतियातों के बारे में जिन्हें आप न सिर्फ बरत सकते हैं बल्कि दूसरों से भी सांझा कर सकते हैं।
साफ-सफाई
अमूमन दिवाली से पहले साफ-सफाई का यही सही समय है लेकिन साफ-सफाई के बीच यह ध्यान देना जरूरी है कि आप अधिक भार न उठाएं, बहुत अधिक मेहनत न हो जाए या फिर आराम और पानी की कमी न हो।
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ईको फ्रेंडली दिवाली
दिवाली पर दीये जलाकर खुशियां बांटने का मजा ही कुछ और है। ऐसे में पटाखों के शोरगुल और प्रदूषण के बजाय घर में ईको फ्रेंडली दिवली मनाना समझदारी है। पटाखों से निकलने वाली कार्बन डायऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइडजैसी गैस श्वास के जरिए जच्चे-बच्चे के लिए खतरनाक हो सकती है।
शोर से बचाव
ऐसा तो मुमकिन नहीं है कि गर्भावस्था के दौरान दिवाली पर शोर-शराबे से बिल्कुल ही दूर रहा जा सके, ऐसे में कानों में रुई पटाखों से बचाव में मददगार हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान कान के पर्दे अधिक संवेदनशील होते हैं।
डाइट पर कंट्रोल
त्योहार का मतलब यह नहीं कि बिना सोचे-समझे आप पकवानों का सेवन करती रहें। गर्भावस्था के दौरान शरीर में इन्सुलिन का असंतुलन और अधिक फैट्स प्रजनन के लिए बड़ा खतरा हो सकते हैं।