दिल्ली में 50,000 से ज्यादा कैश लेकर न निकलें!

नई दिल्ली।। राजधानी के आम लोग और कारोबारी सावधान हो जाएं। अब अगर उनकी जेब या थैले में 50 हजार रुपए से ज्यादा की रकम पाई गई तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। असल में यह आदेश राज्य चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जारी किया है। लेकिन, उनका यह फरमान त्योहारी सीजन में दिल्ली वालों को खासी मुसीबत में डाल सकता है।

happy-navratri2राज्य चुनाव आयुक्त विजय देव ने आदेश जारी किया है कि 4 दिसंबर को दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव तक कोई भी व्यक्ति 50 हजार से ऊपर की रकम लेकर नहीं चल सकता। अगर यह रकम उसके पास पाई गई तो उसे इस रकम का हिसाब देना होगा, वरना उसके खिलाफ एक्शन किया जाएगा, जिसमें गिरफ्तारी भी शामिल है।

इस आदेश से सबसे ज्यादा घबराहट दिल्ली के कारोबारियों में फैल गई है, इसके अलावा उन कारोबारियों के माथे पर भी चिंता की लकीरें उभर आई हैं, जो इस त्योहारी सीजन में माल खरीदने दिल्ली के विभिन्न बाजारों में आते हैं। बात कारोबारियों तक ही नहीं, आम जनता भी इस आदेश से परेशान हो सकती है, क्योंकि उन्हें भी इस त्योहार के सीजन में सामान खरीदने के बाजार में निकलना होगा, ऐसे में कोई भी पुलिसिया पूछताछ उन्हें खासे तनाव में डाल सकती है।

ad-ncrsदिल्ली के कारोबारी नेता सुरेश बिंदल, प्रवीण खंडेलवाल, सुशील गोयल, विजय गुप्ता आदि का कहना है कि अधिकतर दुकानदार शाम को दुकान बंद करने के बाद नकदी लेकर घर जाते हैं, ताकि अगले दिन वे माल का भुगतान सकें या उस रकम को बैंकों में डाल सकें। अब अगर रात में पुलिस उन्हें पकड़कर पूछताछ करेगी तो वह क्या जवाब देंगे। उनका यह भी कहना है कि सभी मेट्रो स्टेशनों पर स्कैनर लगे हुए हैं, वहां उनके बैग में रखी रकम तुरंत पकड़ में आ जाएगी, ऐसे में पुलिस उन्हें परेशान करेगी, क्योंकि वह क्या सबूत देंगे कि यह रकम उन्होंने माल बेचकर इकट्ठा की है। कारोबारी इस बात से घबराए हुए हैं कि इस त्योहारी सीजन में बाहर के कारोबारी नकदी लेकर दिल्ली में खरीददारी करने के लिए आते हैं। इस बात की संभावना है कि आयोग के आदेश के कारण वे दिल्ली में सामान ही खरीदने के लिए नहीं आएंगे। जिससे कारोबारियों को तो घाटा उठाना ही पड़ेगा, साथ ही सरकार के राजस्व पर भी असर पड़ेगा। बिंदल व खंडेलवाल के अनुसार इस समस्या से निजात के लिए कारोबारियों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही चुनाव आयुक्त से मुलाकात करेगा और इस आदेश को खत्म करने या इस रकम को बढ़ाने की मांग करेगा।

खास बात यह है कि आयोग का यह आदेश आम लोगों खासकर महिलाओं को भी परेशानी में डाल सकता है। उसका कारण है कि दीवाली के दौरान महिलाएं गहने खरीदती हैं और पुरुष वाहन या अन्य महंगे सामान। इनकी खरीददारी के लिए वे मोटी रकम लेकर बाजारों में निकलेंगे, जहां पुलिस या आयोग के अधिकारी उनसे पूछताछ कर खासी दिक्कतें पैदा कर सकते हैं। उनको यह भी डर है कि रकम की जानकारी संतोषजनक देने के बाद भी इस बात की आशंका बढ़ सकती है कि रास्ते में उसे कोई लूट न ले।