जमीनी सच : शहरी मतदाता के दर्द से बहुत दूर है दादरी विधान सभा के राजनेता, शहरी मतदाता की बात को शहरी समझ वाला नेता ही समझ पाएगा

दादरी विधान सभा बीते 5 सालो में ग्रामीण से शहरी होने की तरफ तेजी से बढ़ रही है है लेकिन आज भी यहां के राजनेताओं की सोच दादरी के गांव के लोगो की परेशानियों पर ही केंद्रित है । एनसीआर खबर ने लगभग सभी राजनेतिक दलों के लोगो से इस मामले पर बातचीत की और समझा की इस बार भी दादरी विधान सभा में ग्रामीण पृष्ठभूमि और गुर्जर समाज से ही सारे लोग दावेदार है । सभी राजनैतिक दलों पर इन्ही जातियों के लोगो के ग्रामीण राजनेताओं को टिकट देने का दबाव है । ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले अधिकांश नेताओ की पृष्ठभूमि किसान समस्याओं से आगे आए नेताओ की है जिसके चलते लगभग सभी नेताओ के मुख्य मुद्दे यहां स्थानीय युवाओं को रोजगार और किसानों की जमीनों के अधिग्रहण को लेकर है ।
शहरी जनसंख्या की उपेक्षा से कैसे लायेंगे विधानसभा में बदलाव
2017 में दादरी विधानसभा के लोगों ने भारतीय जनता पार्टी को इस आधार पर वोट दिया कि वह ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के क्षेत्र में आ रहे शहरी बदलाव और उसके कारण लोगों को हो रही समस्याओं के निराकरण पर ध्यान देंगे उससे पहले बहुजन समाज पार्टी की इस सीट पर भाजपा को शहरीकरण पर मुख्य ध्यान देने वाली पार्टी समझकर लोगों ने वोट किया लेकिन बीते 5 साल में यहां आकर बसे लोगों की समस्याओं पर ना तो भारतीय जनता पार्टी सरकार और ना ही सरकार के अधीन ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने कोई कार्य किया स्थानीय बायर एसोसिएशन नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने एनसीआर खबर से इस मुद्दे पर बातचीत में सवाल उठाया उनका मुद्दा किसी भी राजनीतिक दल का विरोध या समर्थन नहीं है लेकिन कम से कम राजनेता शहरी मतदाताओं और प्रवासी नागरिकों की समस्याओं को समझना तो शुरू करें आज 5 साल बाद भी यहां फ्लैट बायर्स की समस्याएं वैसे ही हैं जैसी 5 साल पहले थी लोगों को फ्लैट हैंडोवर नहीं हुए हैं और अगर हैंडोवर हो गए हैं तो सोसाइटी में तीन तीन दिन तक पानी तक नहीं आ रहा है ग्रेटर नोएडा वेस्ट जैसे उभरते शहर में कोई बड़ा सरकारी स्कूल और जिला अस्पताल जैसी सुविधाएं नहीं है
5 साल बाद भी यहां फ्लैट बायर्स की समस्याएं वैसे ही हैं जैसी 5 साल पहले थी लोगों को फ्लैट हैंडोवर नहीं हुए हैं और अगर हैंडोवर हो गए हैं तो सोसाइटी में तीन तीन दिन तक पानी तक नहीं आ रहा है ग्रेटर नोएडा वेस्ट जैसे उभरते शहर में कोई बड़ा सरकारी स्कूल और जिला अस्पताल जैसी सुविधाएं नहीं है
नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार
नाम ना बताने की शर्त पर भाजपा के ही एक कार्यकर्ता ने बताया कि 5 साल में स्थानीय विधायक शहरी लोगों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी समस्याओं पर एक पत्र तक उत्तर प्रदेश सरकार को नहीं लिख पाए बाकी फ्लैट बायर्स की समस्याओं पर तो उम्मीद करना ही बेमानी है । ग्रेटर नोएडा अथार्टी द्वारा सड़कों की रिसर्फेसिंग के शिलान्यास पर फोटो खिंचवाने से विधायक के काम पूरे नहीं हो जाते ऐसे में शहरी मतदाता वोट डालने ना भी जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी
वही एनसीआर खबर ने इस मामले पर जब विपक्ष के संभावित उम्मीदवारों से बातचीत की तो उनमें भी शहरी जनसंख्या कि समस्याओं के प्रति उदासीनता दिखी समाजवादी पार्टी से दावेदारी कर रहे एक प्रत्याशी ने स्पष्ट कहा कि उनकी समझ में शहरी लोगों को कोई परेशानी ही नहीं है वह सिर्फ किसानों के मुद्दे या फिर स्थानीय युवाओं को रोजगार के मुद्दे पर ज्यादा ध्यान देते हैं हालांकि उन्होंने एनसीआर खबर द्वारा स्थानीय लोगों की समस्याओं को बताए जाने पर उनकी मांग को उठाने की भी बात मानी
तो बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ रहे और किसान नेता से राजनेता बने मनवीर भाटी के बारे में भी लोगों की यही राय है क्योंकि मनवीर भाटी की राजनीति का अधिकांश समय किसानों की राजनीति पर आधारित रहा है और अब वह विधानसभा में चुनाव लड़ रहे हैं तो भी लोगों की समस्याओं की जगह उनकी राजनीति का तरीका वैसा ही नजर आ रहा है बिसरख मंडल के अध्यक्ष रवि भदौरिया ने एनसीआर खबर से कहा कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट की समस्याओं का जन्म ही बहुजन समाज पार्टी के कार्यकाल में हुए घोटालों के कारण हुआ है और तब के घोटालों के खिलाफ किसान आंदोलन करके राजनीति जमाने वाले आज उसी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं और यहां के शहरी मतदाता को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन यह वोट भाजपा का ही रहेगा हालांकि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से आने वाले उम्मीदवार भी क्या शहरी मतदाताओं को वर्तमान विधायक की तरह ही दरकिनार करते रहेंगे के सवाल पर वह कोई जवाब नहीं दे पाते
2006 से 2016 तक नोएडा, ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों के मिलकर लूट खसोट करने वाली सरकारों के प्रतिनिधि आज प्रत्याशी बनकर बिल्डरों के खिलाफ धरने प्रदर्शन का नाटक कर रहे हैं। सपा बसपा ने लूटा आज भाजपा की वजह से आम जन को मकान मिले। जनता सब जानती है।
बिसरख मंडल के अध्यक्ष रवि भदौरिया
शहरी मतदाता की बात को शहरी समझ वाला नेता ही समझ पाएगा
ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रहने वाले और राजनीति करने वाले समाजसेवियों का स्पष्ट मानना है कि शहरी क्षेत्र की राजनीति को समझने के लिए शहर में रहना बहुत जरूरी है दादरी विधानसभा के वर्तमान विधायक समेत अधिकांश नेता गांव में रहते हैं और उनका अधिकांश समय ध्यान गांव की समस्याओं पर ही रहता है ऐसे में जब तक शहर में रहने वाला और शहरी समस्याओं को समझने वाला कोई प्रवासी उम्मीदवार सामने नहीं आएगा तब तक इस क्षेत्र का समुचित विकास संभव नहीं है । ऐसे में राजनीतिक दलों को ग्रामीण पृष्ठभूमि के राजनेताओं के साथ-साथ शहरी समस्याओं को समझने वाले नेताओं को भी टिकट देना बहुत जरूरी है खास तौर पर भाजपा जो शहरी मतदाताओं और पढ़े लिखे लोगों की राजनीति पर ज्यादा ध्यान देती है उससे यह उम्मीद ज्यादा है