नई दिल्ली। ‘लगान’, ‘स्वदेस’ और ‘जोधा अकबर’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में डायलॉग लिखने वाले लखनऊ के मशहूर लेखक और व्यंग्यकार केपी सक्सेना ने 79 साल की उम्र में आज इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। केपी के नाम से मशहूर यह लेखक एक साल से जीभ के कैंसर से जूझ रहा था और दो बार उनकी सर्जरी भी हो चुकी थी।
केपी सक्सेना का पूरा नाम कालिका प्रसाद सक्सेना था, लेकिन अपने चाहनेवालों के बीच वे केपी के नाम से ही मशहूर हुए। केपी की पकड़ सिर्फ हिंदी पर नहीं थी, बल्कि उर्दू और अवधी में भी उनको महारत हासिल थी। साहित्य में खास योगदान के लिए उन्हें 2000 में पद्मश्री पुरस्कार दिया गया था। अपनी चुंबकीय लेखन शैली के चलते उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में भी मौका मिला और उनके जबरदस्त डायलॉग्स ने कई फिल्मों को सुपरहिट बनाया। उन्होंने लगान, स्वदेस, हलचल, जोधा अकबर (2008)च् जैसी सुपरहिट फिल्में दी हैं। जोधा अकबर के लिए तो उन्हें बेस्ट डॉयलाग कैटेगरी में फिल्म फेयर अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था।
केपी ने 80 के दशकी शुरुआत में दूरदर्शन के लिए सीरियल ‘बीवी नातियों वाली’ लिखा था। केपी ने लेखन के क्षेत्र में आने से पहले रेलवे में लिए स्टेशन मास्टर के तौर पर नौकरी भी की थी। बरेली में जन्मे केपी पचास के दशक में लखनऊ में आकर बस गए थे।