आंध्र प्रदेश से अलग तेलंगाना राज्य बनाने के विरोध में अनिश्तिकालीन भूख हड़ताल पर बैठे टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू को नई दिल्ली स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया जा रहा है। नायडू पिछले पांच दिनों से दिल्ली स्थित आंध्र भवन में धरने पर बैठे हुए थे।
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगुदेशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने अपने दर्जनों समर्थकों के बीच गत सात अक्तूबर को राज्य के विभाजन के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी।
पत्रकारों से बात करते हुए नायडू ने कहा था, “अलग तेलंगाना राज्य बनाने का फैसला एक राजनीतिक मैच फिक्सिंग है और कांग्रेस ने इसके लिए जरूरी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। कांग्रेस ने राजनीतिक लाभ पाने के लिए ये फैसला किया है लेकिन उसे अपनी आंखें खोलकर सच्चाई देखनी चाहिए।”
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन अक्तूबर को अलग तेलंगाना राज्य बनाने के लिए मंत्रियों के एक समूह के गठन को मंज़ूरी दी थी।
इस निर्णय के बाद से ही आंध्र प्रदेश के कई इलाकों में इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे थे।
हड़ताल वापस
वहीं दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश में समुद्री तूफान आने की आशंका के मद्देनजर सीमांध्र के बिजली कर्मियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है।
सीमांध्र इलाके के 30 हजार बिजली कर्मियों के हड़ताल पर जाने के कारण राज्य के कई जिलों में बिजली आपूर्ति प्रभावित रही जिसकी वजह से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। सरकारी दफ्तर और बैंक भी हड़ताल से प्रभावित रहे।
इस बीच, आंध्र प्रदेश के बंटवारे को लेकर मंत्री समूह की आज पहली बैठक हुई। मंत्री समूह की अगली बैठक 19 अक्तूबर को होगी।