पुरातत्व विभाग भले इन दिनों उन्नाव के डौंडिया खेड़ा गांव में खुदाई में लगा हो, लेकिन इस बीच खनिज एवं खदान विभाग को बुंदेलखंड में बड़ा खजाना मिल गया है। अनुमान है कि यह 4000 करोड़ रुपए का हो सकता है।
दरअसल, विभाग को बुंदेलखंड में खनिज और धातुओं का भंडार मिल गया है। विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक झांसी, जालौन, महोबा, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट और ललितपुर जैसे सात जिलों में फैले पठार राज्य के लिए संभावित ‘कमाई का खजाना’ साबित हो सकते हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में भी सोने का खजाने का पता लगा है।
ज्यादातर साइट पर अन्वेषण का काम पूरा कर लिया गया है। जियोलॉजी एंड माइंस डायरेक्ट्रेट के निदेशक भास्कर उपाध्याय ने बताया, “हमें बुंदेलखंड और सोनभद्र में सोने के भंडार मिले हैं।”
रिपोर्ट के मुताबिक बुंदेलखंड में केवल सोने और प्लेटिनम के भंडार नहीं, बल्कि 1,000 करोड़ रुपए के पोटाश, एस्बेस्टस और सिलिका जैसे औद्योगिक खनिज भी पाए गए हैं।
इस एक्सप्लोरेशन ने उत्तर प्रदेश को देश के खनिज मानचित्र पर जगह दिला दी है। अब तक राज्य में केवल डायसापोर, डोलोमाइट, चूना पत्थर, मैग्नीज और फॉसफोराइट जैसे कुछ खनिज निकाले जाते हैं।
जिन तमाम जगह ये भंडार मिलने की बात कही गई है, उनमें सबसे आगे झांसी है। विभाग को यहां 4.5 करोड़ टन सिलिका होने की जानकारी मिली है, जिसकी बाजार में कीमत 890 करोड़ रुपए है।
इसे आयरन एंड स्टील, सेरेमिक्स और विटरिस टाइल्स जैसी इंडस्ट्री में इस्तेमाल किया जा सकता है।