इंदौर – अपने छोटे भाई पर अपहरण का मुकदमा दर्ज होने से भड़के बाबा रामदेव ने कांग्रेस और उत्तराखंड सरकार को खूब खरी-खोटी सुनाई। कहा कि उनकी छवि बिगाड़ने के लिए दोनों नए-नए हथकंडे अपना रही हैं। सीबीआइ और पुलिस की मदद से जनता के सामने उन्हें आतंकी और आपराधिक छवि का बताया जा रहा है।
मंगलवार को इंदौर में एक कार्यक्रम में शिरकत करने आए रामदेव ने कहा कि ‘मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर कांग्रेस सरकार मुझे सेक्स रैकेट चलाने के किसी मामले में फंसा दे। मैं उनकी आदतों को पूरी तरह समझ चुका हूं। यह नहीं कर पाए तो नशे की सामग्री या अनैतिक कार्यो में लिप्त लोगों को आश्रम में भेजकर खुद ही पुलिस से पकड़वा सकती है। ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि मैं उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और कालेधन को लेकर बिगुल बजा चुका हूं।’ बाबा ने कहा कि ‘मैं मानता हूं कि नरेंद्र मोदी थोड़ा हठी हैं। मगर अभी चलेगा क्योंकि हिंदुस्तान की राजनीति में ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो न बोलते हैं, न सुनते हैं और न ही देखते हैं। देश में आपदा के वक्त भी वह कोई प्रतिक्रिया नहीं देते।’
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का नाम लिए बगैर रामदेव ने कहा कि मध्य प्रदेश का एक कचरा पूरे देश में घूमता-फिरता रहता है। इस कचरे को ऐसी जगह दफना दो कि दोबारा बाहर न निकल सके। गौरतलब है कि सोमवार को देहरादून में रामदेव के छोटे भाई रामबरत पर उनके पूर्व कर्मचारी ने अपहरण कर बंधक बनाने और मारपीट करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने पतंजलि योगपीठ फेस-2 में छापामार कर पूर्व कर्मचारी को मुक्त कराया। मुकदमा दर्ज कर रामबरत के चार निजी सुरक्षा कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि रामबरत की तलाश जारी है।
40 लाख के एवज में बनाया नितिन को बंधक
मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। क्षेत्र के गांव रेई निवासी सोम त्यागी ने हरिद्वार के कनखल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि योग गुरु बाबा रामदेव के भाई रामभरत ने उसके पोते नितिन त्यागी को चार दिन तक बंधक बनाकर मारपीट की। नितिन के परिजनों का कहना है कि रामभरत उस पर 40 लाख रुपये लेकर फरार होने का गलत आरोप लगा रहे थे।
नितिन के चाचा मोहन और दादी प्रेमवती ने बताया कि नितिन पतंजलि में नौकरी करता था। दो साल पहले उसने नौकरी छोड़ दी थी। उसके बाद वह रोशनाबाद की फैक्ट्री में नौकरी करने लगा। रामभरत से उसने कई बार फंड खाते में जमा धनराशि को निकलवाने की मांग की। वह उसे टरकाता रहा। रामभरत नितिन को पतंजलि में ही नौकरी करने पर दबाव बना रहा था। परंतु उसने उसकी बात नहीं मानी। परिजनों का आरोप है रामभरत ने नितिन को चेतावनी दी कि वह उसे कहीं और भी नौकरी नहीं करने देगा। 18 अक्टूबर को रामभरत सुरक्षाकर्मियों के साथ जॉगिंग कर रहा था। तभी नितिन वहां से ड्यूटी पर जा रहा था। उसने रामभरत को देखकर उसके चरण छूए लेकिन वह सचिन को सुरक्षाकर्मियों से पकड़वाकर ले गए। नितिन के साथियों ने घटना की सूचना उसके घर पर दी।
इस घटना की जानकारी के लिए नितिन के दादा सोम पतंजलि पहुंचे परंतु उन्हें रामभरत से नहीं मिलने दिया गया। रुड़की निवासी प्रदेश किसान कांग्रेस महासचिव हरपाल त्यागी के पास पहुंचे तथा सारा वाकया बताया। रामभरत से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि नितिन 40 लाख रुपये लेकर भागा था। छह साल बाद वह मिला है।