फिजाओं में चमके मोदी, पर मोदी में झलके अटल
भले ही कानपुर में भाजपा के बैनर-पोस्टरों और होर्डिंगों पर भाजपाइयों ने अटल को बेदखल कर मोदी को जगह दे दी हो।
भले ही कई स्थानों पर मोदी की बड़ी फोटो छापकर अटल के चित्र को छोटा कर दिया गया हो।
भले ही मंच से लेकर बड़े मैदान के कोने-कोने तक बैठे लोगों की जुबान से लेकर दिमाग तक मोदी का नाम गूंज रहा हो, पर मोदी के पूरे भाषण में अटल बिहारी वाजपेयी ही छाए रहे।
मोदी ने कहा भी कि अटलजी के छह साल के कार्यकाल को छोड़ दें तो कांग्रेस और बाकी के लोगों ने देश को तबाह ही किया है।
सीधे जुड़ाव की कोशिश
लगभग एक घंटा मंच पर मौजूदगी के दौरान मोदी अटल की शैली में लोगों से सीधे संवाद स्थापित करने की कोशिश करते दिखे। मोदी ने कहा, ‘मैं कानपुर पहले भी आया हूं पर आज यहां का मंजर ही बदला हुआ है। अटल बिहारी वाजपेयी जैसे महान नेता से जुड़े और स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन से गहरा रिश्ता रखने वाले इस शहर से 2014 के परिवर्तन की शुरुआत हो रही है।’
मोदी ने कहा कि कानपुर व झांसी की धरती ने अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति दिलाई। एक बार फिर यहां की धरती अंग्रेजों की तरह बांटो और राज करो की नीति वाली कांग्रेस से निजात दिलाने का काम करेगी। कभी यहां से स्वराज्य की लड़ाई लड़ी गई होगी। आज इस धरती से सुराज की लड़ाई शुरू हो रही है।
मुसलमानों की नब्ज पकड़ी
भले ही मैदान पर मुसलमानों की संख्या अंगुलियों पर गिनने लायक ही रही हो, लेकिन मोदी ने इनके सहारे मुसलमानों में भरोसा भरने का मौका नहीं गंवाया। कहा कि वे सबका साथ, सबका विश्वास हासिल करके सबका विकास करना चाहते हैं।
मोदी यूपी के महत्व पर ही नहीं रुके, बल्कि यहां के लोगों के ज्यादा से ज्यादा करीब होने की कोशिश की। कहा, आपका प्यार, ब्याज समेत चुकता कर दूंगा। आप जितना देंगे, उसका सवाया लौटाऊंगा।
सब कुछ प्रधानमंत्री जैसा ही
मोदी भले ही अभी भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हों पर कानपुर में आज उनका रुतबा पीएम जैसा ही दिखा। भारी सुरक्षा और आला अफसरों की मौजूदगी व मंच पर बैठे हर बड़े व छोटे नेता के मुंह से मोदी-मोदी और सिर्फ मोदी… ऐसा लग रहा था कि कोई कहीं हो परंतु सभी ने उन्हें भविष्य का पीएम मान लिया है।