कांग्रेस ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान देशभर में पार्टी के प्रचार के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा को मैदान में उतारने की खबरों का खंडन किया है।
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी अजय माकन ने कहा कि रतनगढ़ माता मंदिर के पास भगदड़ की घटना को दबाने के लिए ऐसा षणयंत्र रचा गया है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार की इस घटना में नाकामी को छिपाने के लिए ऐसा किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी सिर्फ अमेठी और रायबरेली में ही चुनाव प्रचार करेंगी।
मोदी बनाम प्रियंका!
इससे पहले खबर आई थी कि 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का मुकाबला कांग्रेस के ‘युवराज’ राहुल गांधी से नहीं, बल्कि प्रियंका गांधी वाड्रा से होने वाला है।
सूत्रों ने बताया था कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के दौरान देशभर में पार्टी के प्रचार के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा को मैदान में उतारने का फैसला किया है। प्रियंका को मोदी के काट के तौर पर पेश किया जाएगा।
जानकारों के मुताबिक, प्रियंका को चुनाव प्रचार में उतारने का एक कारण यह भी है कि कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को उनमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की झलक देखने को मिलती है। इसलिए पार्टी उनके इस छवि को भी भुनाना चाहती है।
‘पूरा कुनबा भी कुछ नहीं कर सकता‘
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस किसे चुनाव प्रचार में उतारती है, यह उसका अपना मामला है। उन्होंने कहा कि इस समय देश में असली लड़ाई मुद्दों की है।
नकवी ने कहा कि कांग्रेस के कुशासन और भ्रष्टाचार के सामने नरेंद्र मोदी एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरे हैं। अब उनके सामने राहुल गांधी आएं या प्रियंका, इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का पूरा कुनबा भी मोदी के सामने नहीं टिक सकता।