रेहाना हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस की मदद के लिए विधायक हाजी अलीम समर्थकों संग शुक्रवार को दिल्ली रवाना हो गए। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने उनसे बातचीत कर जांच में मदद मांगी थी।
अलीम ने कहा, “मैं रेहाना को बहुत चाहता था। उसकी मौत का मुझे सबसे ज्यादा गम है। वारदात के खुलासे की पुलिस से ज्यादा मुझे जल्दी है। मेरा नेटवर्क भी पुलिस से कम नहीं है। चार-पांच दिन के भीतर हत्यारोपियों का सुराग लग जाएगा।’
विधायक ने दोहराया, “रेहाना मेरे पहचानने वालों के लिए भी दरवाजा नहीं खोलती थी।” उन्होंने रेहाना से किसी तरह के विवाद या संबंधों में खटास की आशंका के भी खारिज किया।
कोई ठोस सुराग नहीं
रेहाना हत्याकांड में पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिले हैं। परिचित के हाथ होने के संकेत मिलने के बाद जांच टीम का पूरा ध्यान बसपा विधायक हाजी अलीम और उनके परिजनों पर है।
बताया गया है कि शुक्रवार को दिल्ली पुलिस के दो अफसरों ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से हाजी अलीम से संपर्क साधकर वार्ता की। दिल्ली पुलिस ने विधायक हाजी अलीम से जांच में सहयोग की मांग की।
हाजी अलीम ने सहमति भी दी और पुलिस के साथ चलने के लिए तैयार भी हो गए। शाम लगभग साढ़े पांच बजे 25 समर्थकों और परिजनों के साथ विधायक दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
करीबी और रिश्तेदारों की कॉल डिटेल खंगाली
वारदात के खुलासे के प्रयास में जुटी दिल्ली पुलिस पड़ताल में जुटी है। पुलिस न केवल रेहाना, हाजी अलीम बल्कि उनके परिजन और रिश्तेदारों की कॉल डिटेल भी खंगाल ली है। पुलिस ने सभी के मोबाइल की लोकेशन पर भी नजरें दौड़ाने शुरू कर दी हैं।
कैसे बन गया विधायक का पासपोर्ट?
दिल्ली पुलिस के सामने एक बात सबसे चौंकाने वाली सामने आई है कि जब विधायक के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज थे, तो उनका पासपोर्ट कैसे बन गया?
दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में भी पड़ताल शुरू कर दी है कि उनका पासपोर्ट किस आधार पर बनाया गया। हालांकि एसपी सिटी का कहना है कि उनसे पासपोर्ट के संबंध में कोई पूछताछ नहीं की गई और पासपोर्ट कई वर्ष पहले बना था।