अमेरिका में बजट को लेकर जारी राजनीतिक गतिरोध ने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं की चिंता बढ़ा दी है।
बजट पारित न होने से अमेरिका में आंशिक काम बंदी शुरू हो गई है। इसके चलते उसकी सुधरती अर्थव्यवस्था पर एक बार फिर गिरावट के दौर में जाने का खतरा बढ़ गया है।
यदि ऐसा होता है, तो उसका सीधा असर भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती के रुप में दिख सकता है। हालांकि अभी भारत सरकार और अर्थशास्त्री इस बात की उम्मीद कर रहे हैं, कि जल्द ही अमेरिका की राजनीतिक पार्टियां इस मसले को सुलझा लेंगी।
रिजर्व के मिलने वाले भुगतान पर असर
अमेरिकी डेट प्रतिभूतियों में जो निवेश रिजर्व बैंक ने किया है, उस पर मिलने वाले ब्याज और भुगतान में देरी हो सकती है।
नए वीजा मिलने में होगी देरी
भारत में अमेरिका दूतावास के कर्मचारी छुट्टी पर चले जाएंगे। इसका सीधा पर नए वीजा मिलने और दूतावास संबंधी कामों पर होगा।
शेयर बाजार में रहेगी अनिश्चितता
जब तक अमेरिकी बजट को लेकर अनिश्चितता बनी रहेगी, तब तक भारतीय शेयर बाजार में भी उथल-पुथल बनी रहेगी।
आईटी कंपनियों का अटक सकता है भुगतान
अमेरिका में फेडरल सरकार के साथ काम कर रही भारत की आईटी कंपनियों के भुगतान में देरी आ सकती है। हालांकि ज्यादातर कंपनियां राज्य सरकारों के साथ काम कर रही है ऐसे में ज्यादा असर नहीं होगा।
निर्यात पर होगा असर
अमेरिका में कर्मचारियों को वेतन न मिलने से उनकी खर्च क्षमता कम होगी, जिससे मांग में कमी आएगी। इसका सीधा असर भारत से निर्यात होने वाले उत्पादों पर होगा।
रुपए पर रहेगा दबाव
सितंबर में रुपए में आई मजबूती एक बार फिर दबाव में आ सकती है। निवेशक जहां नए निवेश से बचेंगे, वहीं अमेरिका में प्रतिकूल असर होने से रुपए पर भी दबाव रहेगा।