सांप्रदायिक हिंसा के दौरान लाइसेंसी हथियारों से दहशत फैलाने के लिए अंधाधुंध गोलियां चलाने वाले लोगों को अब बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। पुलिस हर कारतूस का हिसाब लेने जा रही है।
इसके लिए प्रमुख सचिव गृह ने निर्देश जारी किए हैं। इस पर डीएम ने थानावार टीमों का गठन शुरू कर दिया है। ये टीमें हथियारों के बारे में भी पूरी पड़ताल करेंगी।
शासन को यह कदम इसलिए उठाना पड़ा है क्योंकि मुजफ्फरनगर, शामली और बागपत में बड़े पैमाने पर फायरिंग हुई है। सिर्फ हत्या के लिए ही नहीं, दहशत फैलाने के लिए भी अंधाधुंध गोलियां चलाई गईं।
प्रमुख सचिव गृह ने निर्देश जारी किए हैं कि प्रत्येक लाइसेंसी शस्त्रधारक से कारतूसों का हिसाब लिया जाए। पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीमें देखेंगी कि किस लाइसेंस पर कितने कारतूस खरीदे गए।
साथ ही शस्त्रधारक से फायरिंग का पूरा हिसाब लिया जाएगा। शादी-विवाह या खुशी के अन्य मौके पर फायर किए जाने पर भी कार्रवाई होगी क्योंकि इस तरह से फायरिंग भी गैर कानूनी है।
अगर किसी के पास अनुमन्य से ज्यादा कारतूस मिले तो संबंधित शस्त्र विक्रेता से भी सवाल जवाब किया जाएगा।
डीएम अमृत त्रिपाठी ने बताया कि यह भी सत्यापन कराया जाएगा कि लाइसेंस जिसके नाम है, शस्त्र उसके ही पास है या किसी और के। पुलिस-प्रशासन की टीमें पटाखों के कारखानों की भी चेकिंग करेंगी।
दनादन चली गोलियां
– किरठल गांव में फायरिंग हुई, तलाशी में एके-47 के 41 कारतूस मिले।
– वाजिदपुर में अंधाधुंध फायर किए गए, इसमें दो की जान गई।
– लुहारी में फायर हुए, इसके बाद कुछ लोग डर में गांव से चले गए।
– सूप में भी फायरिंग कर दहशत फैलाई गई, इसमें दो लोग घायल हुए।
सैकड़ों लाइसेंस निरस्त होंगे
किरठल में फायरिंग के चलते पुलिस ने पूरे गांव के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की रिपोर्ट डीएम को दी है। इनके अलावा फायरिंग में शामिल रहे लोगों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराए जा रहे हैं। अभी तक यह संख्या 100 से ऊपर जा चुकी है।
जो शस्त्र लाइसेंसधारक शांति भंग की आशंका में जेल गए, उनके भी लाइसेंस निरस्त कराए जाएंगे।