मुंबई। अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में पुलिसिया जांच के विफल रहने के कारण मामले को एनआइए को सौंपने की मांग की गई है। इसके लिए बांबे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस बीच, दाभोलकर के सहयोगियों ने नई दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर महाराष्ट्र विधेयक की तर्ज पर केंद्रीय कानून लाने की मांग की है।
पूर्व पत्रकार केतन तिरोडकर द्वारा दाखिल याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होने की संभावना है। याचिका में कहा गया है कि दाभोलकर को काफी समय से धमकियां मिल रही थीं और इसकी जानकारी महाराष्ट्र सरकार को भी थी। पुणे पुलिस इस पर पहले कार्रवाई कर सकती थी। सरकार को किसी को सुरक्षा देने के लिए उसकी रजामंदी का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। यहां 90 फीसद ऐसे लोगों को सुरक्षा दी जाती है, जिन्हें इसकी आवश्यकता नहीं है।
वहीं, नई दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल दाभोलकर की बेटी मुक्ता ने बताया कि हमने काले जादू और अंधविश्वास के खिलाफ केंद्रीय स्तर पर कानून लाने की मांग की। साथ ही उन्हें हत्याकांड की जांच की प्रगति से वाकिफ कराया। राहुल गांधी ने इस मामले में पूरे सहयोग का आश्वासन दिया है। महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के बैनर तले प्रतिनिधिमंडल ने राहुल के अलावा राकांपा प्रमुख शरद पवार, वामपंथी नेता प्रकाश और वृंदा करात, सीताराम येचुरी, एबी बर्धन और पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी से भी मुलाकात की। बता दें कि दाभोलकर की 20 अगस्त को कुछ अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।