main newsउत्तर प्रदेशभारत

दंगों में उजड़ा घरबार, 41 हजार लोग शिविरों में

ad-ncr2sहिंसा और तनाव के दौर के बाद इलाके में धीरे-धीरे शांति लौट रही है। मगर दहशत भरे इन चंद दिनों ने हजारों बेबस लोगों का अपना आशियाना छोड़ने पर मजबूर कर दिया।

लोगों में गम और गुस्से का माहौल है। प्रशासन ने भी माना कि 38 शरणार्थी शिविरों में 41 हजार से अधिक लोग आ गए हैं।

उन्मादियों से दहशतजदा बागपत के दो हजार लोग भी यहां आसरा लिए हुए हैं। इन शिविरों में भूख से बूढ़े बेहाल हैं और बच्चे बिलख रहे हैं। सरकारी नुमाइंदों और नौकरशाहों को बेघर लोगों का गुस्सा झेलना पड़ रहा है।

इस बीच, मुजफ्फरनगर में बृहस्पतिवार को कर्फ्यू में नौ घंटे की ढील दी गई।

जिलेभर के सरकारी स्कूलों में लगे शिविरों में बच्चों की चीख और बूढ़ों की कराह सुनाई पड़ रही है। अकेले बुढ़ाना कस्बे में तीन बड़े शिविर हैं। इनमें अफरा-तफरी का माहौल है। खाने-पीने को लेकर हायतौबा मची है। दर्द इस बात का है कि जिनके सहारे गांव में रोजी-रोटी मिलती थी, उन्हीं की वजह से घर और रोटी के लाले हैं।

गुस्सा इस बात को लेकर है कि उन्हें गांव के लोग सुरक्षा का भरोसा देकर रोके रहे, लेकिन बाद में उन पर जुल्म ढाए गए। जैसे-तैसे मेहनत-मजदूरी कर आशियाने बनाए, जो उन्मादियों ने एक ही झटके में उजाड़ दिए।

दंगे की दंश झेल रहे छोटे बताते हैं कि भागते समय तन पर सिर्फ कपड़े रह गए थे। उन्मादियों ने सब कुछ लूट लिया।

कमिश्नर भुवनेश कुमार ने कहा, ‘पीड़ितों की तादात 41 हजार से अधिक होने की उम्मीद है। शिविरों की संख्या भी 38 से ज्यादा हो सकती है। सर्वे कराया जा रहा है। बागपत के दो हजार लोग भी यहां पहुंचे हैं। प्रशासन पूरे इंतजाम में जुटा है, जल्द ही हालात सामान्य हो जाएंगे।’

बेटियों की शादी का सामान भी फूंक दिया
शिविर में पहुंची एक महिला के आंसू दिल दहलाते हैं। उसके परिवार के अकेले कमाने वाले शख्स की जान चली गई। तीन बेटियों की शादी के लिए इकट्ठा किया गया सामान फूंक दिया गया। जो बचा, उसे बवाली लूट ले गए।

दिनभर सरकारी नुमाइंदे दंगा पीड़ितों को समझाते रहे, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। खुद कमिश्नर भुवनेश कुमार, डीआईजी मुथा अशोक जैन शाहपुर कैंप पहुंचे तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।

शिविर में भी जगह नहीं
बुढ़ाना में सरकारी शिविर फुल हो गए तो खुले में टैंट लगाकर लोगों को अस्थाई सहारा दिया गया। राज्यमंत्री चितरंजन स्वरूप, वीरेंद्र सिंह, पूर्व सांसद अमीर आलम और विधायक नवाजिश आलम को भी गुस्से का शिकार होना पड़ा।

लोगों ने उनकी हर बात अनसुनी कर दी और न्याय के सवाल दागे। जौला में भी ऐसा ही आलम था। बेघर लोग सरकार को कोसते मिले। पुलिस पर उन्मादियों का साथ देने का आरोप लगाया।

NCR Khabar News Desk

एनसीआर खबर.कॉम दिल्ली एनसीआर का प्रतिष्ठित और नं.1 हिंदी समाचार वेब साइट है। एनसीआर खबर.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय,सुझाव और ख़बरें हमें mynews@ncrkhabar.com पर भेज सकते हैं या 09654531723 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं

Related Articles

Back to top button