नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। क्रेडिट कार्ड से टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, कंप्यूटर, मोबाइल खरीदने पर कंपनियों की तरफ से चलाई जा रही ‘जीरो पर्सेट इंट्रेस्टं’ स्कीमो पर रिजर्व बैंक [आरबीआइ] ने रोक लगा दी है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि ऐसी स्कीमों की आड़ में ग्राहकों को धोखा दिया जा रहा है, क्योंकि प्रोसेसिंग फीस सहित कुछ अन्य शुल्क तो पहले ही वसूल लिए जाते हैं। इसके साथ ही डेबिट कार्ड से बड़ी खरीदारी करने पर दुकानदारों की तरफ से डेढ़-दो फीसद की अतिरिक्त फीस वसूलने पर भी रोक लगा दी गई है।
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बुधवार को रिजर्व बैंक ने इस बारे में विस्तृत अधिसूचना जारी कर सभी बैंकों को पालन का निर्देश दे दिया है। बैंकों को कहा गया है कि वे क्रेडिट कार्ड के जरिये खरीद पर ब्याज नहीं लेने की कंपनियों की स्कीमों को बंद करें। इन स्कीमों के तहत बेचे गए उत्पाद की राशि को समान मासिक किस्त (छह महीने, नौ महीने या एक वर्ष) में तब्दील कर दिया जाता है। कंपनियों का दावा होता है कि वे इस पर कोई ब्याज नहीं ले रही हैं। लेकिन आरबीआइ का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। इसकी आड़ में कई बार ग्राहकों को चूना लगा दिया जाता है। मसलन, प्रोसेसिंग शुल्क लिया जाता है।
इसी तरह केंद्रीय बैंक ने डेबिट कार्ड से भुगतान पर अतिरिक्त शुल्क वसूलने वाले दुकानदारों पर भी सख्ती बरतने का निर्देश बैंकों को दिया है। बैंकों से कहा गया है कि जिन दुकानों में ऐसा किया जाता है वे उनके साथ कारोबारी संपर्क नहीं रखें। इससे आम लोगों को काफी राहत मिलने की संभावना है क्योंकि कई बार उत्पाद के अधिकतम बिक्री मूल्य (एमआरपी) से ज्यादा कीमत अदा करनी पड़ती है।
दुकानों में बड़े इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद की खरीद पर ग्राहकों से एमआरपी से डेढ़-दो फीसद ज्यादा राशि ले ली जाती है। इनका तर्क होता है कि यह राशि उनसे बैंक वसूलता है। अब आरबीआइ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बैंक ऐसी कोई फीस नहीं वसूलते।