मुजफ्फरनगर दंगा मामले में कई मुस्लिम संगठनों के नेताओं ने सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की।
इन नेताओं ने प्रधानमंत्री से सांप्रदायिक दंगा निरोधक विधेयक को अध्यादेश के जरिए कानूनी जामा पहनाने की मांग की।
मुस्लिम संगठनों ने दंगे के कारण घरों को छोड़ने पर मजबूर हुए परिवारों का रिकॉर्ड तैयार करने पर जोर दिया। उन्होंने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर दंगों से जुड़े सबूत मिटाने के आरोप भी लगाए।
प्रधानंमत्री ने भरोसा दिलाया कि सांप्रदायिक दंगा निरोधक विधेयक पर 23 सितंबर को बुलाई गई राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में आम सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी।
आश्वासन न मिलने पर नाराजगी
हालांकि मुलाकात के बाद नेताओं ने प्रधानमंत्री से ठोस आश्वासन न मिलने पर नाराजगी भी जाहिर की।
सोमवार शाम मुस्लिमों के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान, जमायत ए उलेमा ए हिंद के महमूद मदनी, मुस्लिम पोलिटिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के डॉ. तसलीम रहमानी, कमाल फारूकी सहित कई अन्य संगठनों के नेताओं ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की।
इन नेताओं ने राज्य सरकार पर दंगा रोकने के लिए ईमानदार प्रयास न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस कारण घर छोड़ने पर मजबूर हुए एक हजारों परिवारों तक राहत कार्य नहीं पहुंच पा रहा है।
नेताओं ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार पलायन के लिए मजबूर हुए परिवारों का न तो दस्तावेज तैयार कर रही है, उल्टे पुलिस सबूतों को नष्ट करने में लगी हुई है। चूंकि दोषियों को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, इसलिए दंगा अब भी धीमी गति से जारी है।
सभी नेताओं ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वर्ष 2005 से लटके सांप्रदायिक दंगा निरोधी विधेयक को या तो संसद से पारित कराया जाए या फिर सरकार इसके लिए अध्यादेश का सहारा ले।
एआईएमएमएम के मुखिया खान ने अमर उजाला को बताया कि प्रधानमंत्री ने हमारी मांगों के संदर्भ में कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया।
हालांकि उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में संबंधित विधेयक पर एक बार फिर से आम सहमति बनाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने इस दौरान दंगे पर गहरा दुख जाहिर करते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह से पीड़ितों के साथ है।
अल्पसंख्यक आयोग की टीम जाएगी मुजफ्फरनगर
इधर अल्पसंख्यक आयोग की टीम 19 सितंबर को मुजफ्फरनगर के दंगा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर घटना के कारणों का पता लगाएगी। टीम की अगुवाई खुद आयोग के अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला करेंगे।
हबीबुल्ला ने बताया कि मुजफ्फरनगर दंगे के संदर्भ में आयोग को कई शिकायतें मिली हैं। आयोग पहले ही इस संदर्भ में राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब कर चुका है।
हबीबुल्ला ने अमर उजाला को बताया कि वह खुद आयोग की टीम के साथ दंगा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि आयोग की टीम दंगे की वजह का पता लगाएगी और राहत एवं पुनर्वास कार्यों का जायजा लेगी।
हबीबुल्ला ने कहा कि स्थिति की समीक्षा के बाद आयोग राज्य और केंद्र सरकार को उचित कार्रवाई का निर्देश जारी करेगा।
प्रभावित क्षेत्रों के दौरे में हुई देरी के संबंध में आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि आयोग इलाके में शांति स्थापित होने का इंतजार कर रहा था।