नई दिल्ली – जम्मू कश्मीर में जारी आतंकी हमलों के बीच रविवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ को हकीकत का आईना दिखाएंगे। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। वैसे, मनमोहन सिंह ने खुद भी आतंकी हमलों के बीच सार्थक बातचीत की उम्मीद कम होने का संकेत दे दिया है।
पूरी तैयारी के साथ अमेरिका पहुंचे मनमोहन सिंह बातचीत में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सामने जम्मू-कश्मीर में हिंसक घटनाओं के पीछे सीमा पार की साजिश के सुबूत पेश करेंगे। साथ ही वह अब्दुल करीम टुंडा, अबू जुंदाल और यासीन भटकल जैसे लश्कर-ए-तैयबा और इंडियन मुजाहिद्दीन के गिरफ्तार आतंकियों के आइएसआइ के बारे में किए गए खुलासे से भी अवगत कराएंगे। गृह मंत्रालय ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट प्रधानमंत्री को दी है। रिपोर्ट में सुबूतों के साथ आइएसआइ के भारत में आतंकी हमलों की साजिश में सक्रिय भूमिका का उल्लेख है। इसके अलावा मनमोहन सीमा पार से युद्धविराम के उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं का मुद्दा भी उठाएंगे।
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की बातचीत से इतर सुरक्षा एजेंसियों की चिंता पाक-अफगान सीमा के लड़ाकों के घाटी में पहुंचने की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीमा पर कोहराम मचाने वाले तीनों आतंकी पाक अधिकृत कश्मीर के प्रशिक्षण शिविरों से आए नहीं हो सकते हैं। पिछले तीन दशक की दहशतगर्दी के दौरान कश्मीर में अफगान में प्रशिक्षित लड़ाकों को नहीं देखा गया था। लेकिन अमेरिकी फौजों की वापसी के बाद खाली होने वाले इन लड़ाकों के कश्मीर घाटी का रुख करने की आशंका लंबे से जताई जा रही है। हालिया आतंकी हमले ने इसे और मजबूत कर दिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इन लड़ाकों से निपटना सुरक्षाबलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित होगी।