मुज़फ्फरनगर पर अपने स्टिंग आपरेशन को दिखाने के दौरान न्यूज़ चैनेल ने यु पी सरकार पर आरोप लगाया है की सरकार ने जान बूझ कर प्राईम टाइम के दौरान मुज़फ्फरनगर जिले की लाईट गुल कर दी है ताकी लोग मुज़फ्फरनगर दंगो के सच को ना जान सके
इससे पहले मंगलवार को ही न्यूज चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन का प्रसारण किया तो पुलिस-प्रशासन और सियासी हलकों में खलबली मच गई।
खुफिया कैमरे में सीओ जानसठ जगतराम जोशी और एसडीएम आरसी त्रिपाठी के अलावा एसपी क्राइम कल्पना सक्सेना, एसओ फुगाना आरएस भगौर, एसओ शाहपुर सत्यप्रकाश सिंह, एसएचओ भोपा समरपाल सिंह, एसएचओ मीरापुर एके गौतम और हटाए गए इंस्पेक्टर बुढ़ाना ऋषिपाल सिंह भी बोलते नजर आ रहे हैं।
वह साफ कहते दिखाई दे रहे हैं कि कवाल में शाहनवाज और मलिकपुरा के दो युवकों की हत्या के बाद तलाशी अभियान चलाकर सात संदिग्ध आरोपियों को हिरासत में लिया था।
तभी एक कद्दावर सपा नेता ने फोन कर सातों को छुड़वा दिया। एफआईआर भी फर्जी कराई गई।
एसएचओ मीरापुर बोल रहे हैं कि सपा नेता ने डीएम-एसएसपी को हटवाया जबकि दोनों अधिकारी अच्छा काम कर रहे थे। हिरासत में लिए युवकों को भी छुड़वा दिया।
एसएचओ भोपा समरपाल सिंह कह रहे हैं कि कवाल कांड के बाद डीएम-एसएसपी का तबादला गलत हुआ। यदि चार दिन बाद तबादला होता, तो शायद दंगा नहीं होता।
गौरतलब है कि दंगे की आग जब बुढ़ाना, फुगाना और शाहपुर के देहात क्षेत्र में पहुंची तो वहां पुलिस फोर्स की भारी कमी रही। जब तक फोर्स पहुंची, तब तक बहुत कुछ हो चुका था।
उधर, स्टिंग ऑपरेशन का प्रसारण होने के बाद मुंह खोलने वाले पुलिस वालों पर गाज गिरनी शुरू हो गई। एसएसपी ने एसओ फुगाना आरएस भगौर को लाइनहाजिर कर दिया।