अपने बेटे के क्रिकेट करियर को संवारने में जुटे सचिन तेंदुलकर ने मीडिया से विनम्र अनुरोध किया है कि उसे अकेला छोड़ दो।
तेंदुलकर ने मीडिया से आग्रह किया कि वह अर्जुन पर अधिक दबाव न बनाए और उसे अपना खेल खेलने दे।
मुंबई खेल पत्रकार संघ की ओर से रविवार को सम्मानित किए जाने के बाद उन्होंने कहा, “मेरे बेटे ने आज मैच खेला। पहला क्लब और आधिकारिक मैच। वह क्रिकेट को लेकर बेहद जुनूनी है, लेकिन मैदान के बाहर भी क्रिकेट के आसपास काफी चीजें होती हैं।”
अर्जुन ने रविवार को ही कंगा लीग से अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की, लेकिन इस मैच में वह महज एक रन ही बना पाए। इसके बाद यह खबर टीवी चैनलों में जंगल की आग की तरह चलने लगी और हर जगह इसे फ्लैश किया जाता रहा।
टीवी चैनलों की अतिसक्रियता पर उन्होंने कहा, “उसे जो भी कुछ सुनने को या पढ़ने को मिलता है या जिस तरह से उसे पेश किया जाता है, मैं उन सभी चीजों की तारीफ करूंगा बशर्ते कि मीडिया उसे उसी तरह ही रहने दे। मैं चाहता हूं कि उसकी अपनी पहचान हो और वह ज्यादा से ज्यादा अपने क्रिकेट का लुत्फ ले।”
इस मास्टर बल्लेबाज ने कहा, “मैं आज यहां खेल पत्रकारों के साथ बैठा हुआ हूं। मैं अपने बच्चे का बचाव करने वाला पिता की भूमिका निभा रहा हूं। जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया, तो मेरे पिता प्रोफेसर थे और साहित्य से संबंध रखते थे। लेकिन कभी किसी ने मेरे ऊपर इसको लेकर दबाव नहीं बनाया।”
उन्होंने आगे कहा, “किसी ने यह नहीं कहा कि मैं भी अपने पिता के नक्शेकदम पर चलूं। मेरे जीवन में कभी कोई तुलना नहीं की गई। अर्जुन ने अभी अपने करियर की शुरुआत की है और मेरा मीडिया से विनम्र आग्रह है कि उस पर किसी तरह का दबाव न बनाए ताकि वह 14 साल के बच्चे की तरह अपनी जिंदगी जी सके। क्रिकेट के अलावा वह किसी और चीज के बारे में नहीं सोचे।”