प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों के खिलाफ दायर वाद पर चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के यहां शुक्रवार को सुनवाई होगी।
इस प्रकरण में वादी के बयान होंगे। वादी खुर्शीद उर रहमान ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुखों पर चुनाव के एजेंडे अलग होने पर गठबंधन कर मतदाताओं से धोखा करने का आरोप लगाया है।
खुर्शीद के वकील सरदार मुकेश सैनी ने बताया कि लोकसभा चुनाव से पहले अलग-अलग एजेंडे से चुनाव लड़कर सत्ता हासिल करने के लिए बाद में गठबंधन किया गया।
इस तरह के गठबंधन होने के कारण मतदाताओं की भावनाओं से खिलवाड़ किया गया है। भ्रष्टाचार की स्थिति नजर आई।
इस मामले में वादी ने सपा नेता मुलायम सिंह यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जयललिता सहित 447 सांसदों को प्रतिवादी बनाया है। यह वाद धारा 161, 427,419 और 420 के तहत दायर किया गया है।
भारतीय संविधान में कहीं भी ऐसा प्रावधान नहीं है कि राजनीतिक दल अलग-अलग मुद्दों पर चुनाव लड़कर आने के बाद सरकार बनाने के लिए गठबंधन नहीं कर सकते। राजनीतिक दल चुनाव मुद्दों पर लड़ते हैं, जो अलग-अलग हो सकते हैं। मगर सरकार न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत बनती है। इसलिए विरोध जैसी कोई बात नहीं हो सकती।
-जफरयाब जिलानी, अपर महाधिवक्ता यूपी