अपने एक पुराने साथी डी जी वंजारा के चिट्ठी से मुश्किल में फंसते दिख रहे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विरोधियों पर जवाबी हमला बोला है।
मोदी ने अहमदाबाद में शिक्षक दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जब उनसे पूछा गया कि अगले साल अगर आप पीएम बन जाएंगे, तो यहां बात करने आएंगे?
इसके जवाब में मोदी ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री बनने का सपना नहीं देखता, क्योंकि कुछ बनने का ख्वाब देखने वाले बर्बाद हो जाते हैं।”
उन्होंने कहा, “कुछ बनने का ख्वाब देखने की तुलना में कुछ करने का सपना कहीं ज्यादा मजेदार है। इसलिए मुझे यह सपना देखना भी नहीं चाहिए। मुझे गुजरात की जनता ने 2017 तक कामकाज सौंप रखा है और मेरा फोकस इसी पर है।”
मोदी ने कहा, “इसलिए मैं बच्चों से भी हमेशा कहता हूं कि कभी बनने का नहीं, हमेशा कुछ करने का सपना देखो। जैसे दस किलोमीटर साइकिल चलाने के बाद भी थकान नहीं होती, बल्कि और जोश बढ़ता है।”
मोदी के समर्थकों का मानना है कि बीते कई साल से जेल में बंद वंजारा ने अपनी चिट्ठी से जो हमला मोदी पर बोला है, उसके पीछे उनके विरोधी हैं।
दरअसल, मोदी पीएम पद की रेस में सबसे आगे दिख रहे हैं, इसलिए वंजारा के जरिए उन्हें मुश्किल में डालने की कोशिश की गई है।
वंजारा पर मोदी अब तक चुप्पी साधे हुए हैं, जिसके अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। लेकिन गुरुवार को भी जब मोदी ने कुछ बोला, तो वंजारा नहीं, बल्कि पीएम पद के विषय पर बयान दिया।
इससे साफ होता है कि मोदी बचाव की मुद्रा में आने के लिए तैयार नहीं है। वंजारा के मुद्दे पर जब विरोधी उन्हें घेरने की कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने पीएम पद के बजाय गुजरात को केंद्र में रखकर पुराना दांव खेलने की कोशिश की है।
वहीं, कांग्रेस ने उनके बयान पर कहा कि वंजारा के खुलासे के बाद ऐसा लगता है जैसे मोदी ने अपना मन बदल लिया है।
कांग्रेस नेता पी एल पूनिया ने कहा, “अगर मोदी कह रहे हैं कि सपने देखने वाले बर्बाद हो जाते हैं, तो भाजपा को सचेत हो जाना चाहिए। क्योंकि भाजपा पीएम पद तक पहुंचने का सपना देख रही है। ऐसे में अगर मोदी की बात पर यकीन किया जाए, तो उसे बर्बाद होने से कोई नहीं बचा जा सकता।”