नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित करने के बाद भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह अब पार्टी के पितामह लालकृष्ण आडवाणी को एक और सियासी झटका देने की तैयारी में हैं।
आडवाणी और पार्टी महासचिव अनंत कुमार के तमाम विरोध को दरकिनार कर अब कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की भाजपा में वापसी की मुहिम तेज हो गई है।
मोदी और राजनाथ लोकसभा चुनाव के मद्देनजर येदियुरप्पा की भाजपा में वापसी चाहते हैं। भाजपा ने इस काम का जिम्मा अरुण जेटली को सौंपा है। वैसे येदियुरप्पा खुद भी मोदी के सीधे संपर्क में हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से बात करने के लिए येदियुरप्पा के दूत के तौर पर उनके नजदीकी सहयोगी और पार्षद लेहर सिंह दिल्ली में हैं। सिंह भाजपा के बड़े नेताओं से मिल रहे हैं और उन्होंने आडवाणी से भी मुलाकात का समय मांगा है।
माना जा रहा है कि येदियुरप्पा भी जल्दी से जल्दी अपनी पार्टी केजेपी का भाजपा में विलय चाहते हैं। उन्हें आशंका है कि कहीं हरियाणा जनहित कांग्रेस की तरह उनके विधायक भी कांग्रेस का दामन न थाम लें।
बहरहाल, भाजपा ने तय कर लिया है कि येदियुरप्पा की वापसी कर ली जाए। अब उचित समय का इंतजार हो रहा है।
भाजपा का मानना है कि येदियुरप्पा की वापसी के बाद आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी पिछला रिकॉर्ड दोहरा सकती है। हालांकि आडवाणी और अनंत कुमार अब भी येदियुरप्पा की भाजपा वापसी के सख्त खिलाफ हैं।