सीरिया सरकार ने चेतावनी दी है कि उनके खिलाफ अमेरिका की किसी भी सैन्य कार्रवाई से अल कायदा और उसके सहयोगियों के हाथ मजबूत होंगे।
सीरिया के उप विदेश मंत्री फैसल मेकदाद ने बीबीसी से कहा कि देश में चल रहे संघर्ष में सेना ने नहीं बल्कि अमेरिका समर्थित विद्रोही संगठनों ने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था।
उन्होंने कहा कि अमेरिका के हस्तक्षेप से देश में चरमपंथ को बढ़ावा मिलेगा और अमरीका के प्रति नफरत बढ़ेगी।
बीबीसी के नॉर्थ अमेरिका एडीटर मार्क मार्डेल के मुताबिक अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सीरिया के खिलाफ सीमित सैन्य कार्रवाई के लिए कांग्रेस की मंजूरी मांगी है।
इसे उनके कार्यकाल का सबसे बड़ा दांव माना जा रहा है। प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत देखते हुए राष्ट्रपति की राह आसान नहीं है। कांग्रेस में अगले सप्ताह इस पर मतदान होगा।
खुफिया जानकारी
कुछ सांसद इस बारे में दी गई खुफिया जानकारी से संतुष्ट नहीं हैं। सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप की पुरजोर मांग करने वाले रिपब्लिकन सांसद जॉन मैककैन ने कहा कि इसके लिए जो प्रारूप तैयार किया गया है, उसमें न रणनीति है और न योजना।
उन्होंने कहा कि इन दोनों बातों का समावेश होने के बाद ही वह प्रस्ताव का समर्थन करेंगे। कई रिपब्लिकन सांसद विदेशों में सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ हैं।
इस बीच अम्मान से बीबीसी की अंतरराष्ट्रीय मामलों की मुख्य संवाददाता लीस डूसेट के मुताबिक जॉर्डन ने कहा है कि वह सीरिया में किसी भी सैन्य कार्रवाई में हिस्सा नहीं लेगा और अमरीका की अगुवाई में होने वाली कार्रवाई से दूर रहेगा।
जॉर्डन अरब जगत में अमरीका का सबसे करीबी दोस्त है। जॉर्डन के सरकारी प्रवक्ता मोहम्मद अल मोमनी ने कहा है कि उनका देश इस बात को लेकर चिंतित है कि सीरिया में चल रही हिंसा की आग उनकी सीमा तक भी पहुंच सकती है।
पुख्ता सुबूत
अमरीकी विदेश मंत्री जॉन केरी का कहना है कि उनके पास इस बात के पुख्ता सुबूत हैं कि पिछले महीने दमिश्क में तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाली गैस सरिन का इस्तेमाल किया गया था।
उन्होंने कहा कि इस हमले में मारे गए लोगों के खून और बाल के नमूनों से इसके पाए जाने की पुष्टि हुई है। सीरिया ने इन हमलों से इनकार किया है और कहा है कि वो किसी भी तरह के हमले का सामना करने को तैयार है।
वहीं अरब लीग ने अमरीका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वो सीरिया के खिलाफ कार्रवाई के बजाय उसे धमकाने की रणनीति अपनाएं।
काहिरा में अरब लीग सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में सीरियाई सरकार पर एक बार फिर पिछले महीने रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का आरोप लगाया गया। अरब लीग के प्रवक्ता नासिफ हित्ती ने पत्रकारों को बताया कि अब कार्रवाई का समय आ गया है।
हमला
सीरिया में पिछले दो साल से चल रहे गृहयुद्ध में एक लाख से भी ज्यादा लोग मारे गए हैं। पूर्वी दमिश्क में 21 अगस्त को सबसे बड़ा और खतरनाक हमला हुआ था।
अमेरिका सेना का कहना है कि इस हमले में 1400 लोगों की मौत हुई थी। अमेरिका का यह भी कहना है कि ऐसे हमले की क्षमता सिर्फ सीरियाई सरकार में थी, विद्रोहियों में नहीं।
सीरियाई सरकार मार्च 2011 से विद्रोहियों से लड़ रही है। इस दौरान करीब एक लाख लोगों की मौत हो चुकी है और कम से कम 17 लाख शरणार्थी बन चुके हैं।