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लाल किले पर एक ही परिवार की भक्ति में डूबे रहे मनमोहन: नरेंद्र मोदी

Narendra-Modiभुज।। 67वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी इलेक्शन कैंपेन कमिटी के चेयरमैन नरेंद्री मोदी ने भुज के लालन कॉलेज में तिरंगा लहराकर कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया। मोदी ने इस मौके पर कहा कि जिन्होंने देश की आजादी के लिए जान न्योछावर कर दी, जेल में जिंदगी खत्म कर दी, हम उन वीरों को सलाम करते हैं। मोदी ने कहा कि गुजरात ने आजादी की लड़ाई में सशस्त्र क्रांति और अहिंसक आंदोलन दोनों का नेतृत्व किया। एक तरफ सरदार वल्लभ भाई पटेल थे तो दूसरी तरफ महात्मा गांधी।

मोदी ने कहा कि देश की भलाई के लिए विकास एक मात्र उपाय है। इसी वजह से हम चाहते थे कि लाल किले से प्रधानमंत्री देश को कुछ पॉजिटिव संदेश देंगे। प्रधानमंत्री लाल किले से केवल एक परिवार को याद करते दिखे। प्रधानमंत्री से क्या यह गलत उम्मीद थी कि वे सरदार वल्लभ भाई पटेल और लाल बहादुर शास्त्री को भी याद करते। लाल बाहदुर शास्त्री और वल्लभाई पटेल भी इसी देश के सपूत हैं। मुझे यह बात तो समझ में आती है कि आप अटल बिहारी वाजपेयी को याद नहीं करें, क्योंकि आपकी मर्यादा की समझ मुझे पता है। लेकिन शास्त्री और पटेल से ऐसी बेरुखी क्यों? मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लाल किले से देश को संबोधित करने के बजाय एक परिवार को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि लाल किले पर प्रधानमंत्री एक परिवार की भक्ति में डूबे रहे। मैं तब और हैरान होता हूं कि लाल किले से सबसे ज्यादा बार झंडा फहराने का रिकॉर्ड आपने बनाया, लेकिन आपने वही भाषण दिया जो पहले आजादी दिवस में पंडित नेहरू ने दिया था। मैं गुजरात के आखिरी छोर से बोल रहा हूं। मेरी आवाज पाकिस्तान पहले पहुंचती है, देश के शासक तक बाद में।

मोदी ने लालन कॉलेज में कहा कि आजादी तो मिली लेकिन आज भी कई तरह की आजादी की जरूरत है। हम आज भी गुलामी की मानसिकता में जकड़े हुए हैं। मोदी ने कहा कि कल मैं राष्ट्रपति का भाषण सुन रहा था। राष्ट्रपति के भाषण में पीड़ा साफ झलक रही थी। मुझे नहीं पता कि देश का शासक राष्ट्रपति की पीड़ा को समझता है या नहीं। मोदी ने कहा कि देश का शासक दल संसद को आखाड़ा बना दिया है। ऐसा पहली बार हुआ जब देश का शासक दल ही संसद को नहीं चलने दे रहा है। संसद को बंधक बना रखा है। इस संदर्भ में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की चिंता वाजिब है। मोदी ने राष्ट्रपति के हवाले से ही केंद्र की कांग्रेस सरकार पर हमला बोला।

मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने पाकिस्तान पर सख्त टिप्पणी की लेकिन मनमोहन सिंह का तेवर लाल किले पर बिल्कुल नरम रहा। मुझे उम्मीद थी कि लाल किले से प्रधानमंत्री सेना का मनोबल बढ़ाएंगे, ऐसा नहीं हुआ। मोदी ने कहा कि लाल किला पाकिस्तान को ललकारने की जगह नहीं है। हम इसके पक्ष में नहीं हैं। लेकिन लाल किला से हम देश के बहादुर सैनिकों का मनोबल बढ़ा सकते हैं।

मोदी ने पूछा कि हमारे साथ चीन ने क्या किया? क्या यह प्रधानमंत्री को खबर नहीं है। हमारी सेना अपनी ही जमीन से हटने पर मजबूर क्यों हुई? पाकिस्तान की सेना हमारी सरहद में आकर हमारे सैनिकों की गर्दन काट ले तब मुझे चिंता होती है। राष्ट्रपति के भाषण के हवाले से मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने भ्रष्टाचार एक शब्द नहीं कहा। दूसरी तरफ राष्ट्रपति ने भ्रष्टाचार पर गंभीर चिंता जतायी। क्या यह चिंता लाल किले से प्रकट नहीं होनी चाहिए थी? नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा का नाम लिए बिना कहा कि एक वक्त था जब देश में भ्रष्टाचार पर सीरियल बनते थे, फिर मामा और भांजे पर सीरियल बना। लेकिन अब जमाना सास, दामाद और बेटे का है।

मोदी ने कहा कि प्रधानंत्री ने 1991 में हुए आर्थिक सुधारों का जिक्र किया लेकिन रुपया क्यों गिर रहा है इस पर उन्होंने चुप्पी साध ली। मोदी ने कहा कि पीएम ने फूड सिक्यूरिटी बिल की बात कही लेकिन उसकी कमियों पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं हैं। कांग्रेस का कोई नेता कहता है कि 5 रुपए में थाली मिल जाएगी तो कोई कहता है कि 12 रुपए में। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी गरीबों की थाली में ऐसिड छिड़कना बंद करें। गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दुस्तान की सरहद पर स्थित भुज से मैं देशवासियों से कह रहा हूं कि केंद्र सरकार गरीबों का मजाक उड़ाना बंद करे।

मोदी ने कहा कि संविधान में जो समानता का हक मिला है उसी को आपने नकार दिया। उन्होंने कहा कि आज गुजरात में गरीबों को 35 किलो अनाज मिलता है लेकिन फूड सिक्यूरिटी बिल के बाद यह 25 किलो हो जाएगा। ऐसे में इस फू़ड सिक्यूरिटी बिल की क्या जरूरत है। प्रधानमंत्री अपनी जिम्मेदारी राज्यों पर थोप कर लोगों को भूखे ऱखना चाहते हैं। गरीबों के घरों में चुल्हे नहीं जल रहे हैं। मोदी ने कहा कि मैं मीडिया में चल रही उस बात से हैरान हूं, जिसमें चर्चा चल रही थी कि यह मनमोहन सिंह का लाल किले पर आखिरी भाषण है। दूसरी तरफ से प्रधानमंत्री का कहना है कि अभी और फासले तय करने हैं। मोदी ने कहा, मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हू कि अब क्या रॉकेट में बैठकर और फासले तय करोगे।’

जिस तरह से हमने देश को अंग्रेजों से मुक्त कराया उसी तरह देश को भ्रष्टाचार और महंगाई से मुक्त कराना है। मोदी ने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि गुजरात आज जहां खड़ा है, उसमें केवल मेरा योगदान है। गुजरात को आगे बढ़ाने में हर सरकारों का योगदान है। यहां की 6.30 करोड़ जनता का योगदान है। हां, मैंने तरक्की को गति दी है। मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी आज देश में हाशिए पर खड़े आदमी को कैसे दो जून की रोटी मिले इस पर सोचिए। मोदी ने कहा कि देश जब तिरंगा झंडा लहरा रहा है तो आपकी एक ब्रिगेड कंप्यूटर पर बैठा है और मोदी को गाली दे रहा है।

उसके पास वंदे मातरम् और राष्ट्रगीत गाने का वक्त नहीं है। मोदी ने कहा कि अरे मोदी से कम से कम आज तो मुक्त रहो। प्रधानमंत्री जी मैं आपको खुली चुनौती दे रहा हूं कि गुजरात और दिल्ली में विकास की स्पर्धा हो जाए। मोदी ने पीएम पर ताना मारने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की सोच में ही खोट है। हिन्दुस्तान का नौजवान बेरोजगार है। 21वीं सदी का पहला दशक खत्म हो गया लेकिन हुआ क्या। 10 के साल के शासनकाल में इतना गड्ढे हो गए हैं कि उसने भरने में लंबा वक्त लगेगा।

NCR Khabar News Desk

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