आम जनता जल्द ही प्याज के आंसू रोने वाली है। रीटेल मार्केट में प्याज का भाव हफ्ते भर में 100 रुपए किलो तक पहुंच सकता है। ट्रेडर्स बताते हैं कि यहां प्याज की कीमत दुनिया में सबसे ज्यादा हो गई है। कुछ शहरों में इसका रीटेल भाव 80 रुपए किलो चल रहा है। कुछ ट्रेडर्स पहले ही चीन और पाकिस्तान से प्याज मंगाने का ऑर्डर दे चुके हैं, लेकिन इसकी डिलीवरी में 15 दिन लग सकते हैं। दिल्ली इकलौता ऐसा मेट्रो होगा, जहां प्याज की कीमत 100 रुपए से कम होगी। राज्य सरकार अपने आउटलेट्स के जरिए कंज्यूमर्स को 35 से 40 रुपए किलो के भाव से प्याज बेच रही है। कांग्रेस के राज वाली दिल्ली में इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। 1989 में दिल्ली की सत्ता में काबिज बीजेपी महंगे प्याज की वजह से विधानसभा चुनाव हार गई थी।
प्याज की कीमत में बढ़ोतरी अचानक हुई है। दो महीने पहीने इसका रीटेल भाव सिर्फ 20 रुपए किलो था। भारी बारिश के चलते प्याज की फसल की कमजोरी और कीमत में बढ़ोतरी पर लगने वाला दांव इतना बढ़ गया है कि नई सप्लाई का भी इस पर कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है और यह 100 रुपए के लेवल की तरफ बढ़ रहा है। प्याज दूसरी बार 100 रुपए के लेवल के आसपास पहुंच गया है। दिसंबर 2010 में प्याज की रीटेल कीमत 100 रुपए तक पहुंच गई थी। होलसेलर का कहना है कि इस बार मार्केट के जो हालात हैं, उसके हिसाब से प्याज कंज्यूमर को और बुरे दिन देखने पड़ सकते हैं। अभी तो होलसेल प्राइस भी ऑल टाइम हाई लेवल पर है।
महाराष्ट्र के मेन होलसेल मार्केट में प्याज का भाव 47 रुपए किलो तक पहुंच गया है। महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है। नासिक के नैशनल हॉर्टिकल्चर रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) के डायरेक्टर आर पी. गुप्ता कहते हैं, ‘इतिहास में पहली बार हुआ है जब प्याज का औसत भाव देश में इतना ऊपर गया है। दिसंबर 2010 में जब प्याज का रीटेल भाव 100 रुपए तक गया था, तब भी औसत प्राइस 40 रुपए से ऊपर नहीं था।’ प्याज की कीमत में तेज उछाल के बावजूद ऐग्रिकल्चर मिनिस्टर शरद पवार ने इसके एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाने की संभावना से इनकार किया है। उनका कहना है कि प्याज के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाना ‘किसानों के साथ ज्यादती’ होगी।
आम जनता जल्द ही प्याज के आंसू रोने वाली है। रीटेल मार्केट में प्याज का भाव हफ्ते भर में 100 रुपए किलो तक पहुंच सकता है। ट्रेडर्स बताते हैं कि यहां प्याज की कीमत दुनिया में सबसे ज्यादा हो गई है। कुछ शहरों में इसका रीटेल भाव 80 रुपए किलो चल रहा है। कुछ ट्रेडर्स पहले ही चीन और पाकिस्तान से प्याज मंगाने का ऑर्डर दे चुके हैं, लेकिन इसकी डिलीवरी में 15 दिन लग सकते हैं। दिल्ली इकलौता ऐसा मेट्रो होगा, जहां प्याज की कीमत 100 रुपए से कम होगी। राज्य सरकार अपने आउटलेट्स के जरिए कंज्यूमर्स को 35 से 40 रुपए किलो के भाव से प्याज बेच रही है। कांग्रेस के राज वाली दिल्ली में इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। 1989 में दिल्ली की सत्ता में काबिज बीजेपी महंगे प्याज की वजह से विधानसभा चुनाव हार गई थी।
प्याज की कीमत में बढ़ोतरी अचानक हुई है। दो महीने पहीने इसका रीटेल भाव सिर्फ 20 रुपए किलो था। भारी बारिश के चलते प्याज की फसल की कमजोरी और कीमत में बढ़ोतरी पर लगने वाला दांव इतना बढ़ गया है कि नई सप्लाई का भी इस पर कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है और यह 100 रुपए के लेवल की तरफ बढ़ रहा है। प्याज दूसरी बार 100 रुपए के लेवल के आसपास पहुंच गया है। दिसंबर 2010 में प्याज की रीटेल कीमत 100 रुपए तक पहुंच गई थी। होलसेलर का कहना है कि इस बार मार्केट के जो हालात हैं, उसके हिसाब से प्याज कंज्यूमर को और बुरे दिन देखने पड़ सकते हैं। अभी तो होलसेल प्राइस भी ऑल टाइम हाई लेवल पर है। महाराष्ट्र के मेन होलसेल मार्केट में प्याज का भाव 47 रुपए किलो तक पहुंच गया है। महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है। नासिक के नैशनल हॉर्टिकल्चर रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) के डायरेक्टर आर पी. गुप्ता कहते हैं, ‘इतिहास में पहली बार हुआ है जब प्याज का औसत भाव देश में इतना ऊपर गया है। दिसंबर 2010 में जब प्याज का रीटेल भाव 100 रुपए तक गया था, तब भी औसत प्राइस 40 रुपए से ऊपर नहीं था।’ प्याज की कीमत में तेज उछाल के बावजूद ऐग्रिकल्चर मिनिस्टर शरद पवार ने इसके एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाने की संभावना से इनकार किया है। उनका कहना है कि प्याज के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाना ‘किसानों के साथ ज्यादती’ होगी। <a target=”_blank” href=”http://netspiderads2.indiatimes.com/ads.dll/clickthrough?slotid=38790″><img alt=”Advertisement” height=”60″ width=”660″ border=”0″ src=”http://netspiderads2.indiatimes.com/ads.dll/photoserv?slotid=38790″></a> |