भारत-पाकिस्तान को हमेशा छोटे भाई और बड़े भाई के तौर पर संबोधित किया जाता है लेकिन क्या आपके मन में कभी ये सवाल नहीं उठा कि बड़ा भाई होने के नाते भी भारत एक दिन बाद क्यों आजाद हुआ।
दरअसल, ब्रिटिश शासन के अंतिम वायसराय होने की वजह से सर लॉर्ड माउंटबेटन को भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों में स्वतंत्रता दिवस के समारोह में शिरकत करनी थी।
ऐसे में ये संभव नहीं था कि एक ही शख्स दो जगह मौजूद रहे। ऐसे में इस स्थिति से बचने के लिए सर लॉर्ड माउंटबेटन ने 14 अगस्त को ही पाकिस्तान की आजादी का दिन घोषित कर दिया जबकि भारत के लिए 15 अगस्त की तारीख तय की।
आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपना मशहूर भाषण ‘ट्रस्ट विद डेस्टिनी’ प्रधानमंत्री बनने से पहले ही दे दिया था। हुआ कुछ यूंकि नेहरू प्रधानमंत्री तो 15 अगस्त को बने लेकिन उन्होंने भाषण 14 अगस्त की मध्यरात्रि को ही दे दिया था।