जोधपुर पुलिस का सम्मन आसाराम बापू के आश्रम में पहुंच गया है। नाबालिग से दुराचार के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें 30 अगस्त तक जोधपुर पुलिस के सामने हाजिरी देनी होगी।
पुलिस ने प्रमुख सेवक शिवा व हॉस्टल वार्डन शिल्पी को 29 अगस्त तक हाजिर होने को कहा है।
जोधपुर पुलिस की टीम ने सोमवार को अहमदाबाद पहुंचकर आसाराम के खिलाफ सम्मन आश्रम के केयर टेकर को सौंपा। वहीं, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित गुरुकुल में शिवा व शिल्पी के खिलाफ भी सम्मन फैक्स व ईमेल के जरिए छिंदवाड़ा पुलिस को पहुंचा दिया गया, जिसे आरोपियों को सौंपा गया।
जोधपुर पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जोधपुर की टीम छिंदवाड़ा में नामजद आरोपी शिल्पी और शिवा से पूछताछ कर रही है। शिल्पी के कहने पर पीड़िता को लेकर उसके परिजन जोधपुर पहुंचे थे।
शिवा पर आरोप है कि वह 15 अगस्त को घटना के समय आसाराम की कुटिया के बाहर था तथा पीड़िता के निकलने पर उसे धमकाया भी। इस टीम के एक-दो दिन में लौटने की सम्भावना है।
दूसरी टीम उत्तर प्रदेश में पीड़िता के शहर शाहजहांपुर में उसके व उसके परिवार के बारे में जानकारी इकटठा कर रही है। तीसरी टीम दिल्ली में दिल्ली पुलिस की सहायता से पता लगा रही है कि एफआईआर से दर्ज करवाने से पहले पीड़िता व उसके परिवार से किस-किस से सम्पर्क किया था।
नहीं हटेगी धारा 376
जोधपुर पुलिस की ओर से सोमवार को आसाराम के खिलाफ धारा 376 हटाने की अफवाह उड़ी। कहा गया कि पुलिस ने रेप की धारा हटा दी गई है, लेकिन पुलिस द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं किया गया।
जोधपुर पुलिस उपायुक्त अजय पाल लाम्बा ने बताया कि धारा हटाने की कोरी अफवाह उड़ाई जा रही है।
आसाराम के खिलाफ दिल्ली से भेजी एफआईआर में जो धाराएं लगाई गई थीं, वहीं यहां दर्ज की गई हैं। उन्ही धाराओं के आधार पर जांच की जा रही है।
धाराओं में संशोधन पुलिस के अधिकार में नहीं है। धारा 376 हटाने का अधिकार भी अदालत को है।
जानकारों के अनुसार दिल्ली गैंग रेप के बाद हुए संशोधन के तहत आपराधिक संशोधन कानून 2013 में किसी भी तरह का यौन व्यवहार भी रेप की श्रेणी यानी धारा 376 में शामिल है।
संशोधन को लोकसभा में 19 मार्च को पारित कर दिया था और राज्यसभा से 21 मार्च को पास हो गया। इसके बाद राष्ट्रपति ने इस संशोधित कानून को 2 अप्रैल को मंजूरी मिल गई।
पहले धारा 376 में केवल रेप होने पर लगाई जाती थी।