जम्मू के पुंछ में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचने पर बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री भीम सिंह ने बेहद गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया है।
भीम सिंह से जब पूछा गया कि राज्य सरकार की तरफ से कोई मंत्री या अधिकारी सैनिकों के अंतिम संस्कार में शामिल क्यों नहीं हुआ, तो उन्होंने कहा, “सेना और पुलिस में लोग शहीद होने के लिए ही जाते हैं।”
मंत्री ने उल्टे पत्रकार से सवाल पूछा कि क्या आपके पिताजी वहां गए थे। वे भी तो भारत के नागरिक हैं। वे क्यों नहीं गए।
वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भीम सिंह के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। नीतीश ने इसे शहीदों का अपमान बताया।
राज्य की विपक्षी पार्टियों ने भी भीम सिंह के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया है। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने उनके बयान की निंदा की है।
हालांकि बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के दबाव के चलते उन्होंने अपने बयान पर खेद प्रकट करते हुए माफी मांग ली।
गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना के हमले में मारे गए पांच भारतीय जवानों में से 4 बिहार राज्य से थे। गुरुवार को इन सैनिकों के शव उनके पैतृक गांव पहुंचे।
शहीदों के शव जब एयरपोर्ट पर पहुंचे तो उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए राज्य सरकार की ओर से कोई भी नेता, मंत्री या अधिकारी नहीं पहुंचा।
राज्य सरकार की उदासीनता पर तब ज्यादा हंगामा हो गया जब शहीदों के अंतिम संस्कार में भी सरकार का कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा।
इसके बाद पत्रकारों ने ग्रामीण विकास मंत्री भीम सिंह से राज्य सरकार की उदासीनता को लेकर सवाल किया। भीम सिंह ने कहा कि सेना और पुलिस में लोग शहीद होने के लिए ही जाते हैं।
इससे पूर्व पाक सैनिकों के हमले में शहीद हुए भारतीय सैनिकों का उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।