दमिश्क।। रासायनिक हथियारों के आम नागरिकों पर इस्तेमाल के आरोप झेल रहे सीरिया पर पश्चिमी देशों के जल्द हमला करने की आशंकाएं मजबूत हो चली हैं। ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ अखबार के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा सीमित सैन्य कार्रवाई करने पर विचार कर रहे हैं।
हालांकि, वाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति ओबामा ने इस तरह का कोई निर्णय नहीं लिया है और उन्हें अभी इस बारे में अंतिम फैसला करना है, लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि अमेरिकी नौसेना के जंगी बेड़ों को हमले के लिए तैनात कर दिया गया है।
दो दिन में होगा हमला
अखबार के मुताबिक, अमेरिका की तरफ से ऐसा कोई हमला 2 दिन के अंदर किया जाएगा। इसमें मिसाइल और लंबी दूरी के बम बरसाने वाले प्लेनों का इस्तेमाल करके मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका और अन्य सहयोगी देश सीरिया के खिलाफ कोई भी सैन्य अभियान शुरू करने से पहले युनाइटेड नेशन की जांच टीम के वहां से निकलने का इंतजार करेंगे। गौरतलब है कि यूएन की एक जांच टीम केमिकल वेपन के इस्तेमाल के आरोपों की जांच करने सीरिया पहुंची है। इस टीम पर स्नाइपर्स ने फायरिंग की थी, हालांकि, इस हमले में किसी को नुकसान नहीं पहुंचा था।
‘राज छिपा रहे हैं असद’
अमेरिकी सेकेटरी ऑफ स्टेट जॉन केरी ने आरोप लगाया कि सीरियाई प्रेजिडेंट बशर अल-असद की सरकार केमिकल हमलों के सबूतों को छिपाने में जुटी है लेकिन अमेरिका और सबूत पेश करेगा। उधर सीरिया के विदेशमंत्री ने कहा है कि अमेरिकी हमले की दशा में हर मुमकिन साधनों का इस्तेमाल करके देश की रक्षा की जाएगी।
रूस के साथ मीटिंग कैंसल
सीरिया पर हमले की तैयारी कर रहे अमेरिका ने रूस के साथ अगले हफ्ते होने वाली एक अहम मीटिंग कैंसल कर दी है। इस मीटिंग का मकसद सीरिया मुद्दे पर कोई हल निकालना था। उधर, रूस ने मंगलवार को एक बार फिर चेतावनी देते हुए कहा कि इस हमले के भयंकर दुष्परिणाम होंगे। ईरान ने भी कहा कि सीरिया पर हमला होने की दशा में सारे इलाके को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
फिर गोलीबारी शुरू
ओबामा प्रशासन ने आरोप लगाया है कि संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं की टीम जैसे ही सीरिया में रासायनिक हमलों वाली जगह से सबूत जुटाकर लौटी तो उसके ठीक बाद असद प्रशासन ने वहां गोलीबारी शुरू कर दी।