हरिद्वार/लखनऊ।। हिंदू संतों से मुलायम की मुलाकात पर एतराज जताने वाले आजम खान खुद संतों की शरण में पहुंचे हैं। हरिद्वार जाकर आजम खान संतों से मिल रहे हैं, जबकि चौरासी कोसी परिक्रमा को लेकर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) पीछे हटने को तैयार नहीं है। माना जा रहा है कि यह मुद्दा संसद में भी उठ सकता है। उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खान ने हरिद्वार स्थित दक्षिणकाली मंदिर के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी से मुलाकात की। वह कैलाशानंद के महारुद्राभिषेक कार्यक्रम में भाग लेने आए थे। इस मौके पर आजम ने अयोध्या में चौरासी कोसी परिक्रमा पर रोक लगाने को जायज ठहराया है। उन्होंने कहा कि यह परिक्रमा सियासी है। आजम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कैलाशानंद महाराज को वह दोस्त खान कहते हैं, इसलिए यहां आए हैं। हालांकि, सियासी पंडितों का कहना है कि आजम ने कैलाशानंद ब्रह्मचारी से मिलकर यह संदेश दिया है कि एसपी सरकार हिंदू विरोधी नहीं है। कैलाशानंद ब्रह्माचरी भागवत कथा कहने वाले हैं। आजम खान ने कहा, ‘चौरासी कोसी परिक्रमा राजनीति से प्रेरित है। यूपी सरकार भी राजनीतिक फैसले लेने को विवश है। खुफिया एजेंसियों से ऐसी सूचना मिली है कि इस यात्र के आयोजन से कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका। हम माहौल खराब नहीं होने देना चाहते। उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात की तरह उत्तर प्रदेश का माहौल भी खराब करने की कोशिश की जा रही है।’ उधर, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने परिक्रमा पर रोक लगाने पर आजम खान का विरोध किया। कार्यकर्ताओं ने आजम खान के विरोध में नारे लगाए।
लखनऊ में भागवत कथा अयोध्या में चौरासी कोसी परिक्रमा मची सियासी घमासान के बीच लखनऊ में भव्य भागवत कथा के आयोजन की तैयारी हो रही है। कथा दक्षिण काली मंदिर के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी करेंगे। लखनऊ के गोमतीनगर में 27 अगस्त से कथा की शुरुआत होगी। गौरतलब है कि कैलाशानंद ब्रह्मचारी को एसपी प्रमुख मुलायम सिंह के छोटे भाई शिवपाल का नजदीकी माना जाता है। प्रदेश के सियासी पंडित इसे सामान्य धार्मिक आयोजन के रूप में न देखकर एसपी सरकार की हिंदू विरोधी छवि से बाहर निकलने की कोशिश मान रहे हैं।