कई राज्यों में बाढ़ का कहर, इलाहाबाद में बुलाई गई सेना

नई दिल्ली।। पिछले साल देश के कई हिस्से भीषण सूखे की चपेट में थे, तो इस साल मौसम ने ऐसी करवट ली की देश के कई राज्य भीषण बाढ़ का कहर झेलने को मजबूर हो गए हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात में तो बाढ़ ने भयावह रूप ले लिया है। यूपी के पूरे पूर्वांचल में बाढ़ का पानी लोगों के घर में घुस रहा है। इलाहाबाद में बांध टूटने से शहर का एक-तिहाई हिस्सा पानी में डूब गया है। वाराणसी शहर के कई मुहल्लों में गंगा का पानी प्रवेश कर चुका है। बिहार उफनाई नदियों ने सारण, आरा, बक्सर, वैशाली और गोपालगंज जिले में तबाही मचानी शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश में लगातार एक सप्ताह तक हुई बारिश के बाद प्रदेश के कम-से-कम 13 जिले भारी बाढ़ से जूझ रहे हैं।

यूपी में इलाहाबाद, वाराणसी में हालात बदतर
उत्तर प्रदेश में उफनाई गंगा और यमुना ने कहर बरपा दिया है। बाढ़ में हजारों मकान जलमग्न हो गए हैं और दर्जनों धराशायी हो चुके हैं। इलाहाबाद की स्थिति सबसे बदतर बताई जा रही है। वहां दहशत का माहौल है। बख्शी बांध टूटने के बाद प्रशासन की ओर से सेना की मदद ली जा रही है। वाराणसी और इलाहाबाद में उफनाई गंगा और यमुना ने सूबे भर में विशेषकर पूर्वांचल में जबर्दस्त तबाही मचाई है। शहर से लेकर गांवों तक स्थिति अनियंत्रित हो गई है। उग्र रूप धारण कर चुकी दोनों नदियों ने पिछले 35 वर्ष का रेकॉर्ड तोड़ दिया है।

वाराणसी और आसपास के जिलों में भी गंगा नदी में आई बाढ़ का कहर शुरू हो गया है। मिर्जापुर में बाढ़ से 223 गांव प्रभावित हैं। गाजीपुर के धरमपुरा में बाढ़ के पानी में बह जाने से एक अधेड़ की मौत हो गई। भदोही के बेरासपुर में 2 मकान ढह गए। वाराणसी में वरुणा ओर अस्सी सहित नालों के जरिये शहर के कई इलाकों में गंगा नदी का पानी दाखिल हो चुका है। सड़क पर पानी होने की वजह से आवागमन ठप पड़ गया है।

उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड का नाम आते ही पहली तस्वीर उभरती थी सूखे की, लेकिन इन दिनों बुंदेलखंड बाढ़ में डूबा हुआ है।

बिहार में नदियां उफनाईं
बिहार की उफनाई नदियों ने सारण, आरा, बक्सर, वैशाली और गोपालगंज जिले में तबाही मचानी शुरू कर दी है। नदियों में जैसे-जैसे पानी बढ़ रहा है, सुरक्षा उपायों की पोल खुलती जा रही है। बाढ़ का पानी नए इलाकों में भरता जा रहा है। सुरक्षा उपाय में लगे मजदूर भागने को मजबूर हो रहे हैं। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बक्सर से लेकर भागलपुर तक के इलाके में गंगा की बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का हवाई सर्वेक्षण किया।

सारण के डोरीगंज में सोन ने तबाही का मचा दी है। सोन से इन्द्रपुरी बराज में रविवार की सुबह 6 बजे 2 लाख 17 हजार व दोपहर में एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि देर रात से सोमवार की अहले सुबह तक सोन का पानी छपरा में प्रवेश कर जाएगा। उधर, सोन से अधिक मात्र में पानी छोड़े जाने के बाद आरा-छपरा निर्माण कार्य में लगे मजदूर भाग खड़े हुए हैं। काम पूरी तरह बंद हो चुका है। सेना को अलर्ट कर दिया गया है।

मध्य प्रदेश भी बाढ़ की चपेट में
लगातार एक सप्ताह तक हुई बारिश के बाद मध्य प्रदेश के के कम से कम 13 जिले भारी बाढ़ से जूझ रहे हैं। होशंगाबाद, हरदा, बडवानी और अलीराजपुर जिलों के किसानों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है। उनकी खरीफ फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। होशंगाबाद में सेना को बचाव एवं राहत कार्य में लगाया गया है। होशंगाबाद, अलीराजपुर और बडवानी में सोयाबीन की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है।

होशंगाबाद में नर्मदा नदी खतरे के निशान से 15 फुट ऊपर बह रही है और रविवार को इसका स्तर 981 फुट था। हरदा जिले में हंडिया से नर्मदा में 13 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। बडवानी जिले में 18 गांवों के 2,000 लोगों के इससे प्रभावित होने की खबरें हैं। जिला प्रशासन ने 10 राहत शिविर स्थापित किए हैं। राज्य सरकार ने बाढग़्रस्त क्षेत्रों में हुए नुकसान के एवज में मुआवजे में इजाफा किया है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ और संबंधित घटनाओं में 134 लोगों की मौत की बात स्वीकार की है।