बांबे हाई कोर्ट ने मंगलवार को बीसीसीआई को जबर्दस्त झटका देते हुए दो सदस्यीय जांच कमेटी को अवैध करार दे दिया है।
बीसीसीआई ने आईपीएल 6 में हुई स्पॉट फिक्सिंग विवाद के बाद दो सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था और इस कमेटी ने राजस्थान रॉयल्स के सहमालिक राज कुंद्रा और चेन्नई सुपर किंग्स के पूर्व टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन को क्लीन चिट दी थी।
इसके साथ ही जांच रिपोर्ट में चेन्नई सुपर किंग्स की मालिकाना कंपनी इंडिया सीमेंट को पाक साफ बताया गया था।
हालांकि मंगलवार को बांबे हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद बीसीसीआई के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की वापसी की आस पर पानी फिर गया है। कोर्ट का यह आदेश 28 जुलाई को जांच समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के दो दिन बाद आया है।
जस्टिस एसजे वजिफदार और जस्टिस एमएस सोनक की बेंच ने बिहार क्रिकेट संघ और उनके सचिव आदित्य वर्मा की बीसीसीआई और आईपीएल की गवर्निंग कमेटी द्वारा गठित जांच समिति के गठन पर सवाल उठाते हुए दायर की गई याचिका पर सुनावई करते हुए यह फैसला सुनाया।
बीसीसीआई कार्यसमिति की रविवार को बैठक के बाद बोर्ड के सचिव निरंजन शाह ने जानकारी देते हुए कहा था कि राज कुंद्रा, राजस्थान रॉयल्स और इंडिया सीमेंट्स के खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिले हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि चेन्नई सुपर किंग्स के पूर्व टीम प्रिसिंपल गुरुनाथ मयप्पन के खिलाफ भी कोई सुबूत नहीं मिले हैं।
कमेटी की रिपोर्ट में गुरुनाथ के पाक साफ साबित किए जाने के बाद माना जा रहा था कि उनके ससुर और बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की बोर्ड में बतौर अध्यक्ष वापसी का रास्ता साफ हो गया है।
श्रीनिवासन ने साधी चुप्पी
बीसीसीआई के अध्यक्ष श्रीनिवासन ने बांबे हाई कोर्ट के फैसले पर कुछ कहने से इनकार कर दिया जिसमें कोर्ट ने दो सदस्यीय जांच कमेटी को ही अवैध और असंवैधानिक करार दिया था।
श्रीनिवासन ने अपने दामाद और चेन्नई सुपर किंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन के सट्टेबाजी के आरोपों में फंसने के बाद खुद को अध्यक्ष पद से कुछ समय के लिए दूर कर लिया था। श्रीनिवासन ने कहा, ‘मुझे सिर्फ इतना ही पता चला है कि जांच कमेटी को ही अवैध करार दिया गया है जिसके कारण हमें कोई राहत नहीं मिली है। मुझे इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना है।’