मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को उत्तराखंड के हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद अखिलेश कुमार सिंह के गांव पहुंचकर परिवारीजनों का दुख-दर्द बांटा। उन्होंने आर्थिक सहायता के रूप में 10-10 लाख रुपये का चेक शहीद के पिता और पत्नी को सौंपा।
इसके अलावा सीएम ने शहीद के बच्चों की मुफ्त पढ़ाई तो भाई को नौकरी दिलाने, शहीद अखिलेश की याद में स्मारक बनाने का भरोसा दिया। सीएम ने परिवार को सांत्वना देते हुए कहा कि धैर्य रखिए। दुख की इस घड़ी में हम सब आपके साथ हैं।
डीह ब्लॉक क्षेत्र के पूरे नंगू मजरे जगदीशपुर गांव में मुख्यमंत्री तय समय से करीब आधा घंटा देरी से दोपहर साढ़े 12 बजे पहुंचे। सीएम का हेलीकॉप्टर सीधे शहीद अखिलेश के घर के पास बनाए गए हेलीपैड पर उतरा।
मुख्यमंत्री ने शहीद के पिता विक्रमाजीत सिंह, मां राजकुमारी, शहीद की पत्नी अंजू, बेटे हर्ष, बेटी तनु, भाई आलोक, अंकित और चार बहनों को इस मुश्किल दौर में हिम्मत से काम लेने की बात कही।
उन्होंने शहीद के पिता से कहा कि वायु सेना के जूनियर वारंट अफसर अखिलेश के बलिदान पर उन्हें गर्व है। उसने कई जिंदगियां बचाने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी। आपके परिवार की हर संभव मदद की जाएगी।
घर से बाहर निकले सीएम ने मीडिया से बातचीत में कहा कि देश की वायुसेना पर उन्हें गर्व है। उनकी सरकार की ओर से उत्तराखंड में बचाव कार्य के लिए हर संभव मदद की जा रही है।
सीएम पहुंचे शहीद सुधाकर के गांव असरफाबाद
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सोमवार को उत्तराखंड जल प्रलय पीड़ितों को बचाने में जान गंवाने वाले मगहर के असरफाबाद के सपूत सुधाकर यादव के घर पहुंचे। गमगीन माहौल में वह सीधे आंगन में पहुंचे जहां एक चौकी पर शहीद की तस्वीर रखी थी।
परिवार वालों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। फिर शहीद की पत्नी मंजू और पिता महानंद यादव को 10-10 लाख रुपये चेक सौंपा। उन्होंने कहा कि महानंद परिवार ने जवान और बहादुर बेटा खोया है, यह बड़ा दु:ख है, इसे बांटा नहीं जा सकता।