अमेरिका दौरे पर गए भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह की से नरेंद्र मोदी को लेकर दिए गए बयान से पार्टी में फिर से आंतरिक कलह बढ़ने की आशंका है।
पार्टी का एक खेमा खासतौर पर लालकृष्ण आडवाणी कैंप इस बात से नाखुश है कि जो मुद्दा पार्टी के भीतर अभी तक पूरी तरह से सुलझा नहीं है उसे सात समंदर पार उठाया जा रहा है।
राजनाथ ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मोदी को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने के संकेत देते हुए कहा था कि वे सबसे लोकप्रिय नेता हैं।
सूत्रों के अनुसार अमेरिकी मीडिया को दिए राजनाथ के बयान से आडवाणी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, पूर्व अध्यक्ष वेंकैया नायडू आदि नेता नाखुश हैं।
इन नेताओं का मानना है कि पार्टी फोरम में सुलझाई जाने वाली बात को अमेरिका में नहीं बोलना चाहिए था। मोदी को भले ही चुनाव अभियान समिति का चेयरमैन घोषित कर दिया गया हो, लेकिन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर भाजपा ने अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई ऐलान नहीं किया है।
हालांकि भाजपा में दूसरा खेमा इसे राजनाथ की अमेरिका पर दबाव की राजनीति का हिस्सा मान रहा है। मोदी को भावी प्रधानमंत्री मान अमेरिकी प्रशासन उन्हें वीजा देने के लिए सहमत हो जाएगा।
वैसे विरोधियों की दलील है कि मोदी यदि पीएम बन जाते हैं तो अमेरिका खुद दौड़ा चला आएगा। उसे भारतीय बाजार में अपना माल भी बेचना है।
बहरहाल, भाजपा में राजनाथ के इस बयान पर बहस शुरू हो गई है। आडवाणी खेमा राजनाथ के अंग्रेजी संबंधी बयान से पहले से नाखुश है।
भाजपा का अंग्रेजी दां खेमे का मानना है कि किसी भाषा को लेकर ऐसे बयान देने से पार्टी को नुकसान ही होगा। राजनाथ ने अंग्रेजी को भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताया था।