नई दिल्ली, 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में पूर्व कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया ने पटियाला हाउस कोर्ट के समक्ष कहा कि मंत्रिमंडल के गठन को लेकर उनकी पूर्व दूरसंचार मंत्री और डीएमके सांसद कनिमोरी से मुलाकात व बातचीत हुई थी। वह बृहस्पतिवार को विशेष जज ओपी सैनी की अदालत में गवाह के रूप में बयान दर्ज करा रही थीं।
राडिया ने बताया कि नवंबर 2007 को उन्हें टाटा ग्रुप के तत्कालीन चेयरमैन रतन टाटा ने सीलबंद लिफाफे में एक पत्र दिया था। यह पत्र डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि के लिए था। उस पत्र में क्या था, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने टाटा ग्रुप की ओर से ए राजा से उनके घर में बने कार्यालय में जाकर नवंबर 2008 में मुलाकात की थी। राडिया ने ये बातें उन रिकार्डिग के दिखाए जाने के बाद कहीं, जिनमें उनकी बातचीत राजा व कनिमोरी से होते हुए रिकार्ड की गई थी।
सरकारी वकील ने राडिया की बातचीत से संबंधित कुछ टेप दिखाते हुए कहा कि इनमें राडिया की मामले में आरोपी आरके चंदौलिया से भी बातचीत रिकार्ड है।
स्वामी की याचिका पर फैसला सुरक्षित
2जी मामले में सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। स्वामी ने याचिका दायर कर संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष दिए पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा बयानों की प्रति की मांग की थी। विशेष सीबीआइ जज ओपी सैनी ने फैसला सुनाने के लिए 23 जुलाई की तारीख तय की है।