बॉलीवुड फिल्म ‘विक्की डोनर’ में जहां हीरो पैसों की खातिर अपना स्पर्म डोनेट करता है वहीं रीयल लाइफ में भी चीन के लोग स्पर्म डोनेट कर रहे हैं।
फिल्म में जिस तरह से फिल्म के हीरो आयुष्मान से डॉक्टर अन्नू कपूर स्पर्म डोनेट करने के लिए मिन्नतें करता है ठीक वैसे ही चीन के डॉक्टर लोगों से स्पर्म डोनेट करने की अपील कर रहे हैं।
बेशक, आपको ये सुनकर अजीब लगे लेकिन चीन की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लोग स्पर्म डोनेट करने से इसलिए बच रहे हैं कहीं वे अपने बायोलोजिकल बच्चों से टकरा ना जाएं।
इस लिहाज से डॉक्टरों के लिए अब लोगों को स्पर्म डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित करना एक मुसीबत बनता जा रहा है। गौरतलब है कि चीन के कानून में एक परिवार में एक ही बच्चा हो सकता है लेकिन एक पुरूष के शुक्राणु उसकी पत्नी के अलावा पांच और महिलाओं को मिल सकते हैं।
लोग इस बात से डर कर स्पर्म डोनेट नहीं करना चाह रहे कि कहीं शुक्राणुओं से पैदा हुए बच्चों से वो राह चलते न टकरा जाएं। खबरों के मुताबिक एक व्यक्ति ने बताया कि उसके अपने बच्चे के अलावा पांच बच्चे और हैं, और ये सोचकर ही उसकी नींद उड़ जाती है।
वहीं हेबेई फैमिली प्लानिंग संस्थान के उप डीन लियू शियाओछुन के मुताबिक चीन के लोग स्पर्म डोनेट करने से इसीलिए भी बचते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उनकी हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जबकि कई लोग अपने वंश के बाहर कोई और बच्चा नहीं चाहते।
मालूम हो, चीन की सरकार ने तीन साल पहले केंद्रीय प्रांत हुनान में स्पर्म बैंक की स्थापना की थी। लेकिन फिर भी यहां के स्पर्म बैंकों को अच्छी गुणवत्ता वाले स्पर्म की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
हेबेई स्पर्म बैंक के निदेशक झाओ बांगरोंग कु मुताबिक चीन में इस समय बच्चे की चाह रखने वाले लगभग 700 ऐसे जोड़े हैं जिन्हें अच्छी गुणवत्ता वाले स्पर्म की जरूरत है।
लेकिन बैंक के पास फिलहाल 200 के आसपास डोनर मौजूद हैं। पिछले साल डोनर्स की संख्या तकरीबन 650 थी।
आंकड़े बताते हैं कि इस समय चीन में करीब चार करोड़ लोग यानी चीन की कुल आबादी के 12.5 फीसदी लोग प्रजनन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। इस समस्या का मुख्य कारण दूषित भोजन, प्रदूषण से भरपूर पर्यावरण और काम का बोझ माना जा रहा है।