नई दिल्ली।। बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज कहा कि जम्मू-कश्मीर की तरह हैदराबाद के निजाम के भारत में शामिल होने को लेकर इनकार की वजह से यह मुद्दा भी संयुक्त राष्ट्र में पहुंच गया होता क्योंकि जवाहर लाल नेहरू ऐसा करना चाहते थे लेकिन सरदार पटेल की ‘व्यावहारिकता’ ने उस स्थिति से बचा लिया।
आडवाणी ने पटेल के एक करीबी द्वारा लिखी गई एक पुस्तक का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू हैदराबाद में पटेल द्वारा सैन्य हस्तक्षेप किए जाने की योजना के खिलाफ थे। उन्होंने दावा किया कि निजाम स्वतंत्र रहने को लेकर प्रतिबद्ध थे और अपने भूभाग में हिंदुओं की हत्या करने की धमकी दे रहे थे।
बीजेपी नेता ने यहां एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में कहा, ”नेहरू संयुक्त राष्ट्र में जाना चाहते थे, जैसा उन्होंने जम्मू कश्मीर के बारे में किया। हम नहीं जानते कि अगर पटेल ने नेहरू की सलाह पर ध्यान दिया होता तो क्या होता। हैदराबाद भी जम्मू-कश्मीर की तरह समस्या बन गया होता…”
हिंदी पुस्तक ‘जम्मू और कश्मीर की अनकही कहानी’ में प्रजा परिषद के बारे में ब्योरा दिया गया है। प्रजा परिषद जम्मू की एक क्षेत्रीय पार्टी थी जिसने राज्य को विशेष दर्जा दिए जाने के खिलाफ अभियान चलाया था और बाद में उसका जनसंघ के साथ विलय कर दिया गया था।
यह पुस्तक जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर जारी की गई। गौरतलब है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सरदार पटेल का खुलकर समर्थन करते रहे हैं। अब आडवाणी का यह बयान कहीं दोनों के बीचे संबंधों का नया सूत्रपात तो नहीं।