
चेन्नई के बाद सोमवार को दिल्ली में भी इबोला का एक संदिग्ध मरीज सामने आया है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के इबोला के लिए बने वार्ड में भर्ती उस संदिग्ध मरीज के स्वास्थ्य की जांच-पड़ताल की जा रही है।
नाइजीरिया से आए एक व्यक्ति में इबोला वायरस के लक्षण होने के संदेह में सोमवार की सुबह राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। मरीज को उल्टी, पेट में दर्द व कुछ अन्य दिक्कतों के बाद एयरपोर्ट से सीधा आरएमएल अस्पताल के इबोला वार्ड में लाया गया।
डॉक्टरों ने कुछ जांच की हैं जिसमें इबोला वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन मरीज का ब्लड सैंपल लेकर अंतिम जांच के लिए नेशनल कंट्रोल फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) भेजा गया है। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही मरीज पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी की गई हेल्पलाइन नंबर पर तीन दिनों में करीब पांच सौ कॉल आ चुकी हैं। लोग फोन करके पूछ रहे हैं कि क्या भारत में अभी तक इबोला का कोई मरीज सामने आया है। इसके अलावावायरस के लक्षण और बचाव के तरीके भी लोग पूछ रहे हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव डॉ. नरेंद्र सैनी का कहना है कि इबोला वायरस से पीड़ित मरीज के ब्लड अथवा उसके शरीर का कोई अन्य तरल पदार्थ किसी आम व्यक्ति के शरीर में किसी तरह प्रवेश कर जाए तो इबोला वायरस जाने का खतरा रहता है। पसीने तक के संपर्क में आने से इबोला वायरस का खतरा रहता है। यह हवा में फैले संक्रमण की वजह से नहीं होता। मरीज के संपर्क में आने से ही होता है।
इबोला वायरस के लक्षण
तेज बुखार, शरीर पर दाने निकल आना, सिर दर्द, नाक से पानी चलना, उल्टी, पेट में दर्द और पीठ के निचले हिस्से में दर्द, कंजेक्टिवाइटिस (आंख लाल होना) सहित कुछ अन्य लक्षण हैं।