युवा आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन के आदेश पर विरोधियों से घिर रही यूपी की अखिलेश सरकार के फैसले पर अब खुद सपा सांसद और मुख्यमंत्री के चाचा रामगोपाल यादव ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
रामगोपाल यादव ने कहा कि आईएएस अधिकारी के मामले में पहले जांच करानी चाहिए थी और उसके बाद नोटिस देना चाहिए था। रामगोपाल ने अखिलेश सरकार के फैसले पर ऐतराज जताया है।
सपा सांसद ने कहा कि आईएएस अधिकारी के निलंबन के पीछे हालांकि सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना एक बड़ी वजह है, लेकिन मेरा मानना है कि पहले मामले की तह तक जाना चाहिए था और उसके बाद कोई कदम उठाना चाहिए था।
गौरतलब है कि खनन माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाकर सुर्खियों में आईं दुर्गा शक्ति नागपाल को अखिलेश सरकार ने शनिवार रात निलंबित कर दिया था।
माना जा रहा है कि खनन माफिया लॉबी के दबाव में यह कार्रवाई की गई है। लेकिन सरकार का कहना है कि उनके खिलाफ यह कार्रवाई एक धार्मिक स्थल की दीवार गिराने का आदेश देने की वजह से की गई है। निलंबन के बाद नागपाल को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।
वहीं, यह भी खबर है कि उत्तर प्रदेश सरकार दुर्गा शक्ति नागपाल का निलंबन वापस ले सकती है। दुर्गा के निलंबन से नाराज आईएएस एसोसिएशन ने आज मुख्य सचिव आलोक रंजन से मुलाकात की।
मुलाकात में मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया कि मामले के बारे में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि दुर्गा शक्ति नागपाल युवा ऑफिसर हैं। उनके खिलाफ अधिक सख्ती की गई है, मुख्यमंत्री को इस बारे में अवगत कराया जाएगा।