दुरंतो एक्सप्रेस में यात्रा करने वाले मुसाफिरों को खुद मेडिकल किट लेकर चलना होगा, क्योंकि उत्तर रेलवे ने दुरंतो एक्सप्रेस में दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाएं खत्म कर दी है। चिकित्सकों की टीम को ट्रेन से हटा दिया गया है।
उत्तर रेलवे के सीपीआरओ नीरज शर्मा ने बताया कि उत्तर रेलवे की पांच दुरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों में मेडिकल टीम की तैनाती 2009 में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में हुई थी।
यात्रियों को इमरजेंसी मेडिकल सुविधा के लिए एक-एक डाक्टर और उनके साथ एक-मेडिकल पैरा स्टाफ की नियुक्ति हुई थी। तब से हर साल रेलवे बोर्ड से इस योजना को साल दर साल एक-एक साल के लिए आगे बढ़ाया जा रहा था।
इस साल प्रोजेक्ट के एक्सटेंशन की अनुमति नहीं मिल पाने के कारण 26 मई से योजना को बंद कर दिया गया है।
उत्तर-मध्य रेलवे इलाहाबाद के रिटायर चीफ मेडिकल डायरेक्टर डा. आरपी सिंह ने बताया कि यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर यह योजना शुरू की गई थी। कुछ समय तक ट्रेनों में रेलवे के डाक्टर चलते थे।
इसके बाद इसे निजी हाथों में सौंप दिया गया। उसके बाद शिकायतें ज्यादा आ रही थीं।
दुरंतो में अभी वैकल्पिक मेडिकल सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। हालांकि रेलवे दुरंतो के हर कोच में फर्स्ट एड बॉक्स लगाने की योजना बना रहा है। इसका प्रस्ताव डीआरएम ऑफिस तक� पहुंच गया है। अगस्त के दूसरे सप्ताह से नई योजना पर अमल हो सकता है।