नई दिल्ली।। अलग तेलंगाना के गठन पर यूपीए सरकार की सहमति के बाद कई अन्य छोटे राज्यों के गठन की मांग ने जोर पकड़ लिया है। हरित प्रदेश, विदर्भ, पूर्वांचल, गोरखालैंड, बुंदेलखंड जैसे कई छोटे राज्यों की मांग सामने आने लगी है। सवाल उठने लगा है कि क्या छोटे राज्य बनाने की प्रक्रिया यहीं से शुरू हो जाएगी। गौरतलब है कि तेलंगाना के गठन की घोषणा होने के कुछ ही देर बाद गोरखालैंड के लिए गोरखा रीजनल अथॉरिटी के सीईओ बिमल गुरूंग ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, कांग्रेस के भीतर से ही अलग विदर्भ और पूर्वांचल की मांग उठने लगी है। नागपुर से कांग्रेस सांसद ने तो अलग विदर्भ के लिए बकायदा सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिख दी है।
गोरखालैंड के समर्थन में बंद
मंगलवार को तेलंगाना के गठन की घोषणा के साथ ही कई छोटे राज्यों की मांग उठने लगी है। तेलांगाना की घोषणा के कुछ ही देर बाद गोरखा रिजनल अथॉरिटी (जीटीए) के सीईओ बिमल गुरूंग ने अलग गोरखालैंड के लिए दबाव बनाने को लेकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। गुरूंग गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख हैं। यही इसी बीच, मंगलवार को ही गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के एक समर्थक ने गोरखालैंड के समर्थन में कलीमपोंग शहर के दंबरचौक में आत्मदाह की कोशिश की। यह शख्स करीब 90 फीसदी जल चुका है।
यही नहीं मोर्चा ने दार्जिलिंग हिल्स जिले में बोर्डिंग स्कूल के छात्र और पर्यटकों को अगले 3 दिनों में इलाका खाली करने को कहा गया है। अपनी मांग के समर्थन में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने 3 दिन के बंद का आह्वान किया है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो तीन दिवसीय बंद अनिश्चितकालीन हड़ताल में तब्दील हो जाएगी।
बोडोलैंड समर्थकों ने दी चेतावनी
तेलंगाना के गठन के साथ ही बोडोलैंड की मांग कर रहे नेताओं ने भी अपने विरोध प्रदर्शनों को और तेज करने की चेतावनी दी है। बोडोलैंड के नेताओं का कहना है कि तेलंगाना बनाकर केंद्र सरकार काफी लंबे समय से चली आ रही उनकी मांग को खारिज नहीं कर सकती है।
अलग विदर्भ पर राजनीति
महाराष्ट्र से एक अलग विदर्भ राज्य के गठन की मांग ने भी जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। विदर्भ राज्य के गठन के लिए लंबे अर्से से आंदोलन चला रहे पूर्व बीजेपी सांसद बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि उनकी पार्टी ने अलग विदर्भ राज्य के गठन के लिए 1992 में मांग कर रही है। विदर्भ के गठन के मुद्दे पर पुरोहित ने कहा कि अब बीजेपी को अपने गठबंधन साझेदार शिवसेना को इसके लिए मनाना चाहिए। हालांकि, शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी किसी भी कीमत पर अलग विदर्भ का गठन नहीं होने देगी। राउत ने कहा कि हम महाराष्ट्र के विभाजन का कांग्रेस का मंसूबा पूरा नहीं होने देंगे।
यूपी से कई राज्यों की मांग
तेलंगाना के गठन के अगले ही दिन कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जगदंबिका पाल ने अलग पूर्वांचल की मांग की शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों की चाहत है कि अलग राज्य बने। जगदंबिका पाल के साथ पूर्वांचल के कई नेतानों ने इस मुद्दे पर आंदोलन की धमकी दे दी है। गौरतलब है कि बीएसपी भी यूपी को 4 हिस्सों में बांटने की मांग कर चुकी है। पूर्वांचल के अलावा हरित प्रदेश और बुंदेलखंड की मांग कर चुकी है। यूपीए सरकार में शामिल केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह की पार्टी लंबे समय से हरित प्रदेश की मांग करती आ रही है।