देहरादून. उत्तराखंड में फिर बाढ़ का खतरा है। बारिश के बाद अल्मोड़ा और सितारगंज में घरों में पानी घुस गया है। राज्य में चमौली जिले के सतोपंथ में ग्लेशियर टूटने से बनी झील बद्रीनाथ, जोशीमठ और कर्णप्रयाग के लिए खतरा बन गई है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। बाढ़ के खतरे के मद्देनजर इलाके को खाली करा लिया गया है।
केदारनाथ में आई तबाही के बाद उत्तराखंड के एक दूसरे प्रमुख धर्मस्थल बदरीनाथ पर ताबही के बादल मंडराने लगे हैं। यहां सतोपंथ व भागीरथी खड़क ग्लेशियर से निकलने वाली अलकनंद नदी ने शुरुआत में ही करीब सात हजार मीटर की ऊंचाई पर अवरुद्ध होकर झील का आकार ले लिया है। यह झील भाज्ञानू बैंक ग्लेशियर की तरफ से आए उस मलबे से बनी है, जिसने सतोपंथ व भागीरथी खड़क ग्लेशियर के जलस्राव को काफी हद तक थाम लिया है। जिस कच्चे मलबे के कारण नदी ने उद्गम स्थल पर झील का रूप लिया है, वह तेज बारिश होने की स्थिति में ढह सकती है और इससे बदरीनाथ को तबाह होने से बचाना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में बदरीनाथ की सुरक्षा को लेकर चिंताएं गहराने लगी है।