उत्तराखंड में पिछले महीने आई आपदा से अभी राज्य के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। इससे पहले ही फिर से तबाही के संकेत मिलने लगे हैं। अलकनंदा और मंदाकिनी दोनों खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। रविवार रात से शुरू हुई बारिश से अलग-अलग घटनाओं में अब तक सात लोगों की जान जा चुकी है।
सोमवार की रात भी तेज बारिश हुई। जिसके बाद पिंडर घाटी की संचार सेवा ठप हो गई है। उर्गम घाटी में बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। स्थानीय लोग टेंटों में रात बिता रहे हैं। क्षेत्र में स्थलीय निरीक्षण के लिए गई प्रशासन की टीम आधे भी रास्ते से वापस लौट चुकी है।
टिहरी बांध का जलस्तर बढ़ा
बदरीनाथ हाईवे सोमवार दोपहर बाद गडोरा के पास हाईवे पर खिसक कर आई चट्टान के कारण्ा बंद पड़ा है। जबकि भारी बारिश के कारण टिहरी बांध का जलस्तर पहुंचा आरएल 785.25 मीटर पहुंच चुका है। जबकि चंबा-ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग सुबह यातायात के लिए बंद था। मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
अगस्त्यमुनि में बाढ़ प्रभावितों ने पूरी रात जागकर गुजारी। जबकि उडरी गांव में डायरिया से एक और महिला की मौत हो गई। इसी गांव के उल्टी-दस्त से पीड़ित पांच ग्रामीणों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
गुलदार ने निवाला बनाया
इसी बीच एकेश्वर ब्लाक के मनकोट गांव वृद्धा को गुलदार ने निवाला बना लिया। सोमवार की रात को टार्च के उजाले से लघु शंका को घर से बाहर गई वृद्धा को इसी दौरान गुलदार ने आंगन से उठा लिया। वृद्घा का शव घर से आधा किमी दूर मिला।