रविवार देर रात से हो रही बारिश ने उत्तराखंड में फिर से मुसीबतें बढ़ानी शुरु कर दी हैं। कई जगहों पर नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। बारिश के कारण अब तक सात लोगों की जान जा चुकी है।
देहरादून के विकासनगर क्षेत्र के ढकरानी गांव में एक घर में बारिश के कारण ढांग गिरने से एक परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक सात माह की बच्ची और तीन साल का बच्चा भी है।
इन दोनों बच्चों की मां की भी हो गई मौत। पिता गंभीर घायल हैं। उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं द्वारीखाल में ट्रैक्टर के पलटने से चार लोगों की मौत हो गई जबकि 2 लापता बताए जा रहे हैं।
उर्गम घाटी में बादल फटा
वहीं भारी बारिश से चमोली जिले की उर्गम घाटी में बादल फटने से दो घर बह गए हैं। साथ ही बांसा गांव में घरों में पानी घुस गया है। जिसकी वजह से ग्रामीणों ने घर छोड़ दिए हैं। चमोली जिले में चार दिनों से लगातार बारिश होने से स्थानीय लोगों की मुसीबतें और बढ़ गई है।
उत्तराखंड के चमोली जिले के ही कर्णप्रयाग में रात्रि एक बजे से तेज बारिश हो रही है। इसकी वजह से पिंडर और अलकनंदा का जलस्तर कई गुना बढ़ गया है। तेज बारिश से भवनों के निचले स्तर पर बने गोदाम भी बह गए हैं। जनगर में एक आवासीय भवन चीड़ का भीमकाय पेड़ गिरने से भवन क्षतिग्रस्त हो गया है हालांकि घटना में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
सैंकडों गांव संपर्क मुख्यालय से कटे
इसके अलावा कर्णप्रयाग-ग्वालदम मोटर मार्ग को खोलने में भी बारिश के चलते दिक्कतें पैदा हो गई हैं, जिससे सैंकडों गांवों का संपर्क मुख्यालय से कटा हुआ है। सिमली और गंगानगर में भी बारिश के चलते मार्ग बंद हो गए हैं। वहीं तेज बारिश की चेतावनी के बावजूद प्रशासन ने स्कूलों की छुट्टी नहीं करवाई, क्षेत्र के स्कूलों को जा रहे कई अध्यापकों को आधे रास्ते से ही लौटना पड़ा। देर रात से हो रही के चलते पिंडर घाटी की संचार सेवाएं भी ठप पड़ गई हैं।
रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी उफान पर। रविवार रात्रि को भारी बारिश से अलकनंदा और मंदाकिनी नदी उफान पर हैं। प्रशासन ने नदी किनारे निवास करने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों में जाने की अपील की है।
अगस्त्यमुनि में मंदाकिनी नदी के उफान पर आने से लोग दहशत में हैं। सिरोहबगड़ में रुक-रुककर आ रहा है मलबा। इस कारण बाधित हो रहा बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग। उधर, उत्तरकाशी में रविवार रात थमे रहने के बाद सोमवार सुबह से फिर शुरू हो गई है बारिश।
भागीरथी का जलस्तर बढऩे से तटवर्ती आबादी पर खतरा बना हुआ है। वहीं, टिहरी में बीती रात को हुई झमाझम बारिश, सुबह 7 बजे थमी। बरसात रुकने केबाद से छाया है कोहरा, फिर से बारिश के आसार। टिहरी बांध की झील का जलस्तर पहुंचा आरएल 784.75 मीटर। चंबा-ऋषिकेश, चंबा-धरासू, नई-टिहरी घनसाली-लंबगांव मोटर मार्ग पर यातायात जारी।
श्रीनगर में सुबह अचानक बढ़ा अलकनंदा का जलस्तर। आयरिश पब्लिक स्कूल तक पहुंचा पानी। स्कूल प्रशासन की लापरवाही से अभिभावकों में नाराजगी। चौरास परिसर के एकमात्र संपर्क मार्ग झूला पुल के सपोर्टिंग पिलर भी आए खतरे की जद में। अलकनंदा का बढ़ा जलस्तर बना मुसीबत का सबब।
सोमवती अमावस्या स्नान होने के कारण हरिद्वार और ऋषिकेश में भारी संख्या में लोग गंगा में स्नान करने के लिए आते हैं। लेकिन पहाड़ पर आपदा के बाद पहली बार पड़ रही सोमवती अमवस्या के लिए इस बार श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत कम पहुंची है।