बंगलुरू में पहली बार एक ऐसी इमारत बन रही है जिस पर भूकंप और बाढ़ का ही क्या बम विस्फोट का भी असर नहीं होगा। इस तरह की किसी भी दुर्घटना में यह इमारत बिना डिगे अपनी जगह खड़ी रहेगी।
टीओआई के मुताबिक यह इमारत अगले साल 2014 तक बनकर तैयार हो जाएगी। इसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का डाटा सेंटर बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है।
यूआईडीएआई देशभर में आधार कार्ड बना रहा है और इसके लिए देश के 120 करोड़ लोगों का जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक जानकारी का डाटा जुटाया जाना है। इस डाटा को सुरक्षित रखने के लिए यह इमारत तैयार की जा रही है।
बंगलुरू के इस डाटा सेंटर को सीआईएसएफ की ओर से सुरक्षा भी दी गई है।
यहां यूआईडीएआई के तकनीकी केंद्र और क्षेत्रीय ऑफिस भी होंगे जो अभी अलग-अलग जगह पर स्थित हैं। इसके डाटा सेंटर को बनाने का खर्च 116 करोड़ रुपए आएगा और जबकि पूरी इमारत पर 234 करोड़ रुपए खर्चा होने हैं।
इमारत में क्या है खास
6,245 स्क्वायर मीटर में फैली इस इमारत के डाटा सेंटर की स्टोरेज क्षमता 4 हजार सर्वर के साथ 6 पेटा बाईट्स तक है। इस इमारत का निर्माण इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) ने किया है। यह टाटानगर मेन रोड के पास स्थित होगी।
एक वरिष्ठ ईआईएल इंजीनियर ने बताया कि इमारत ‘सी’ रेटिंग के साथ विस्फोट रोधक भी है। विस्फोट होने की स्थिति में स्टोर किए हुए डाटा को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। इसकी दीवरें 500एमएम तक मोटी हैं। बंगलुरू में इस स्तर की सुरक्षा की कोई इमारत नहीं है।
कैसे बचेगी भूकंप और बाढ़ से
यूआईडीएआई अधिकारी के मुताबकि भूकंप के प्रति संवेदनशीलता के पैमाने पर बंगलुरू जोन -2 के तहत आता है जबकि डाटा सेंटर को इसके अगले स्तर जोन-3 को ध्यान में रखकर बनाया गया है। साथ ही बाढ़ से बचाने के लिए इसे सड़क से 2.1 मीटर ऊपर बनाया गया है।
यूआईडीएआई के उप निदेशक अशोक डलवाई ने बताया कि इस इमारत में डाटा सेंटर के निर्माण का काम विप्रो इनफोटेक को सौंपा गया है। सुरक्षा के विश्वस्तरीय मानकों पर खरे उतरने के अलावा यह ग्रीन इमारत भी होगी।