नई दिल्ली । लंबी जद्दोजहद के बाद अब झारखंड में झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार के गठन का रास्ता लगभग तैयार हो गया है। हालांकि कांग्रेस आलाकमान की औपचारिक स्वीकृति का अभी भी इंतजार है। माना जा रहा है कि झामुमो के नेतृत्व में बनने वाली सरकार में कांग्रेस भी शामिल होगी। बुधवार तक अंतिम फैसला हो जाएगा।
लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार झारखंड में राजनीतिक उलझन खत्म होने के कगार पर है। झारखंड विकास मोर्चा के नाता तोड़ने के बाद से लोकसभा चुनाव के लिए साथी की तलाश कर रही कांग्रेस इस मौके को यूं ही नहीं जाने देना चाहती है। सूत्र बताते हैं कि अभी भी कुछ नेता झारखंड में सरकार गठन को लेकर सहमत नहीं है। उनका मानना है कि महज डेढ़ साल के कार्यकाल के लिए छवि धूमिल होने का खतरा नहीं उठाना चाहिए। लेकिन लोकसभा चुनाव की चुनौती हावी हो गई है। पिछले चुनाव में सिर्फ एक सीट पर अटकी कांग्रेस झामुमो का साथ चाहती है।
रांची में झामुमो और कांग्रेस नेताओं के बीच चर्चा के बाद हेमंत सोरेन दिल्ली पहुंचे और कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की। बताते हैं कि बैठक में सरकार गठन के प्रारूप पर चर्चा हुई तो लोकसभा सीटों के बंटवारे पर मशविरा हुआ। अहम बात यह है कि अब कांग्रेस खुद भी सरकार में शामिल होना चाहती है ताकि सरकारी लाभ अपने कार्यकर्ताओं तक भी पहुंचाया जा सके। इससे पहले मधु कोड़ा सरकार में कांग्रेस ने बाहर से समर्थन किया था।
बताते हैं कि इस बार कांग्रेस जोखिम के साथ-साथ लाभ में भी भागीदारी चाहती है। लेकिन अंतिम फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया गया है। बताते हैं कि बुधवार तक यह फैसला हो जाएगा कि कांग्रेस सरकार में शामिल होगी या बाहर रहेगी। गौरतलब है कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति शासन का कार्यकाल खत्म हो रहा है।
लौट कर गुड न्यूज देंगे: हेमंत सोरेन
झारखंड में सरकार बनाने की कवायद पर बोलने से बचते रहे झामुमो विधायक दल के नेता हेमंत सोरेन ने मंगलवार को दिल्ली रवाना होने के पहले हवाई अड्डे पर कहा कि वह लौटकर गुड न्यूज देंगे। उनका हाव-भाव बता रहा था कि जल्द ही कांग्रेस के साथ सरकार बनाने पर आधिकारिक तौर पर मुहर लग जाएगी। उन्होंने कहा कि उम्मीदों के साथ दिल्ली जा रहे हैं। सरकार बनाने की दिशा में अंतिम मुहर दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता लगाएंगे। इस दौरान हवाई अड्डे पर भारी संख्या में झामुमो के कार्यकर्ता मौजूद थे।