अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए कांग्रेस विधायक चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह पर जोरदार पलटवार किया है. चतुर्वेदी ने दिग्विजय सिंह से सवाल किया है कि जब दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह कांग्रेस छोड़ कर फरवरी 2004 में भाजपा में गए थे तब वह क्या जयचंद थे? उस समय क्या सौदा हुआ था? फिर वह 2013 में जब कांग्रेस में वापस लौटे तो क्या कांग्रेस ने उन्हें वापस खरीदा था?
रविवार को नसरुल्लागंज की सभा में दिग्विजय सिंह ने चौधरी राकेश सिंह को मीर जाफर बताया था. दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि भाजपा ने राज्यसभा की सीट का सौदा किया है. अगर वह राज्यसभा में न जाएं तो उनकी बात गलत हो जाएगी.
दिग्विजय सिंह ने प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश से आग्रह किया कि अगली सभा राकेश सिंह के चुनाव क्षेत्र भिंड में ही रखी जाए. सभा के दौरान चौधरी राकेश सिंह पर हल्ला बोलने वाले दूसरे नेता सुरेश पचौरी थे. उन्होंने राकेश सिंह के दलबदल को धोखा बताया.
उल्लेखनीय है कि दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह ने फरवरी 2004 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था. अफजल के बारे में तत्कालीन अध्यक्ष नितिन गड़करी का विरोध करने के कारण 2010 में लक्ष्मण सिंह को भाजपा ने निलंबित कर दिया था.
हाल ही में 2013 में लक्ष्मणसिंह वापस कांग्रेस में आ गए. इसी तरह दिग्विजय सिंह के करीबी और उस समय राजनीतिक सचिव का काम देख रहे महावीर प्रसाद वशिष्ठ ने भी 2008 में कांग्रेस छोड़ दी थी और उनके बेटे राजेंद्र वशिष्ठ ने निर्दलीय के रूप में 2009 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था.
इसी प्रकार वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह की बड़ी बहन वीणा सिंह ने कांग्रेस छोड़कर कांग्रेस प्रत्याशी इंद्रजीत पटेल के विरुद्ध सीधी से चुनाव लड़ा था और वह भी हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुई हैं.