लखनऊ।। अहमदाबाद के हीरो नरेंद्र मोदी और अयोध्या के हीरो कल्याण सिंह संभवतः अब यूपी के अंदर साथ-साथ दिखा करेंगे। और शायद इसी का बैकग्राउंड बनाने अमित शाह अहमदाबाद से लखनऊ आए थे। इसमें उन्हें सफलता मिली है। राजनीतिक क्षेत्र में यह माना जा रहा है कि डॉ. मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह के साथ नितिन गडकरी व अब नरेंद्र मोदी का सीधा जुड़ाव यूपी की राजनीति में नया गुल खिला सकता है। इससे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी उत्साहित हैं।
पहले बीजेपी के अंदर माना जा रहा था कि यदि एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की जेडीयू के लीडर शरद यादव-नीतीश कुमार के साथ राजनीतिक मित्रता हो जाती है तो उस हाल में एसपी की स्थिति को कमजोर करके नहीं आंका जा सकता। लेकिन कल्याण सिंह की तरफ से मिले रिस्पॉन्स से अमित शाह गदगद हैं। अहमदाबाद से अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करने का कार्यक्रम भी बनना है और इस पर भी मोदी-कल्याण के बीच तारीख का फैसला होना है।
मोदी-कल्याण दोनों ही ओबीसी क्लास के साथ ही सवर्ण वर्ग में भी लोकप्रिय माने जाते हैं। बीजेपी का एक वर्ग चाहता है कि वह अपने इन पांच लीडरों को राम-हनुमान मानकर चले और पंचमुखी हनुमान जैसी छवि इन नेताओं की प्रॉजेक्ट हो। पोस्टरों-पर्चों में अयोध्या का मंदिर भी अपना प्रमुख स्थान बनाएगा, ऐसी सोच इस वर्ग की है। मोदी को कल्याण सिंह तब से अच्छी तरह जानते हैं जब वे यूपी के सीएम बने थे। उसी वक्त लालकृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर से अयोध्या की रथ यात्रा की और रथ यात्रा के एक सारथी के रुप में नरेंद्र मोदी ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बदले हालत में यह माना जा रहा है कि किनारे पड़े कल्याण सिंह को लेकर नरेंद्र मोदी यूपी में अपनी राजनीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं। तभी अमित शाह ने लखनऊ आकर बोले कि वे बीजेपी को जिताने के लिए अहमदाबाद से राम की नगरी अवध आए हैं। वर्करों की हौसला अफजाई करने के दौरान अमित शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस की लंका जलने का समय अब नजदीक आ चुका है। उनका कहना था कि कांग्रेसी अहंकार का अंत अगले लोकसभा चुनाव में पब्लिक कर देने वाली है।